Dani ki kahaani book and story is written by Pranava Bharti in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Dani ki kahaani is also popular in Children Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
दानी की कहानी - Novels
by Pranava Bharti
in
Hindi Children Stories
दानी अक्सर अपनी तीसरी पीढ़ी के बच्चों को अपने ज़माने की कहानियाँ सुनाती हैं | बच्चों को भी बड़ा मज़ा आता है क्योंकि उनके लिए आज का माहौल ही सब कुछ है | वो कहाँ जानते हैं दानी के ज़माने में क्या होता रहा है ? नहीं जी ,ये दानी नाम नहीं है ,यह तो जबसे वे दादी-नानी बनी हैं बच्चों ने उनका नाम दानी रख लिया है --यानि दादी और नानी ,दोनों को यदि शॉर्ट में कहें तो दानी ! यह बड़ी मज़ेदार बात है ,जब गर्मी की छुट्टियों
मीठी सुपारी --------- दानी अक्सर अपनी तीसरी पीढ़ी के बच्चों को अपने ज़माने की कहानियाँ सुनाती हैं बच्चों को भी बड़ा मज़ा आता है क्योंकि उनके लिए आज ...Read Moreमाहौल ही सब कुछ है वो कहाँ जानते हैं दानी के ज़माने में क्या होता रहा है ? नहीं जी ,ये दानी नाम नहीं है ,यह तो जबसे वे दादी-नानी बनी हैं बच्चों ने उनका नाम दानी रख लिया है --यानि दादी और नानी ,दोनों को यदि शॉर्ट में कहें तो दानी ! यह बड़ी मज़ेदार बात है ,जब गर्मी की छुट्टियों
पापा वो रहे (दानी की कहानी ) --------------------------- दानी जब कहानी सुनाने बैठतीं तब या तो अपने ज़माने की या फिर कोई पौराणिक कथा सुनाने लगतीं ,जिससे बच्चे अब तक बोर हो चुके ...Read More इसलिए जब चॉयस की बात आती तो सबकी एक ही राय होती कि दानी अपनी ही कहानी सुनाएँ दानी भी खूब मज़े लेकर अपने बीते दिनों में पहुँच जातीं यह तबकी बात है जब दानी लगभग पाँच वर्ष की रही होंगी उन दिनों उनके पिता दिल्ली में सरकारी नौकरी करते थे ,दानी उनके पास रहतीं व वहीं एक मॉन्टेसरी
आप झूठ क्यों बोले ?(दानी की कहानी ) ------------------------------------ दानी की एक चचेरी बहन थीं शीलो जीजी (दीदी )जिनकी उम्र दानी की मम्मी के बराबर थी और बच्चे दानी से कोई छोटा ,कोई बड़ा जिनके बच्चों ...Read Moreदानी से प्रगाढ़ मित्रता थी यानि शैतानी वाली दोस्ती ! उनके घर भी आसपास थे अत: दानी उन बच्चों की मौसी होते हुए भी दोस्त अधिक थीं दानी अपनी बहन के बच्चों के साथ खूब उधम मचाती थीं जीजी के पति यानि दानी के जीजा जी कस्टम में कमिश्नर थे भारी रौब-दाब ! हाँ ,उन दिनों ऐसे पदों पर
प्रार्थना (दानी की कहानी ) ----------------------- दानी की एक पक्की दोस्त हुआ करती थी चुन्नी ,जो आज भी अमेरिका के ओहायो से उनसे अक्सर बात करती रहती हैं उस ...Read Moreफ़ोन पर दोनों ठहाके लगाकर हँस रही थीं अब बच्चों से कुछ छिप जाए ,ये संभव है क्या ? ज़रूर दानी की उन्हीं बचपन की दोस्त का फ़ोन है --- हमें भी बताइये न दानी ,क्यों हँस रही थीं? दानी ने जो कहानी सुनाई वो यह थी उन दिनों हम दोनों सहेलियाँ शायद पाँच छह साल की रही होंगी एक दिन शाम को
चंपक की माँ (दानी की कहानी ) ---------------------------- नन्ही कुनमुन खाने की बड़ी चोर थी उसकी मम्मी उसका खाना दानी के पास रख जातीं दानी उसे ...Read Moreकहानियाँ सुनाकर खाना खिलातीं एक दिन कुनमुन को खाना खिलाते समय बड़ी प्यारी सी कहानी सुनाई दानी ने और कुनमुन रानी ने गपगप करके सारा खाना ख़त्म कर लिया वह कहानी कुछ ऎसी थी --- चंपक चूहा खाना खाने में अपनी मम्मी को बड़ा परेशान करता और तो और उसे तो स्कूल में भी टिफ़िन ले जाना पसंद नहीं था स्कूल जाते समय हमेशा माँ