Chuninda Laghukathae - 2 book and story is written by Lajpat Rai Garg in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Chuninda Laghukathae - 2 is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
चुनिंदा लघुकथाएँ - भाग 2 - Novels
by Lajpat Rai Garg
in
Hindi Short Stories
रात के बारह बजने वाले थे। करीबी रिश्तेदारों तथा वर-वधू परिवारों के लोगों को छोड़कर विवाह समारोह में आमंत्रित लगभग सभी लोग खा-पीकर तथा बधाई-शुभकामनाएँ देने का फ़र्ज़ निभाकर जा चुके थे, किन्तु वर-पक्ष के युवावर्ग के बारातियों ने दुल्हा-दुल्हन को अभी भी स्टेज से उठने नहीं दिया था और डी.जे. की धुनों पर धमाल मचाया हुआ था।
1 " फेरों का मुहूर्त " रात के बारह बजने वाले थे। करीबी रिश्तेदारों तथा वर-वधू परिवारों के लोगों को छोड़कर विवाह समारोह में आमंत्रित लगभग सभी लोग खा-पीकर तथा बधाई-शुभकामनाएँ देने का फ़र्ज़ निभाकर जा चुके थे, किन्तु ...Read Moreके युवावर्ग के बारातियों ने दुल्हा-दुल्हन को अभी भी स्टेज से उठने नहीं दिया था और डी.जे. की धुनों पर धमाल मचाया हुआ था। दुल्हन के पिता को फेरों के लेट होने की चिंता सता रही थी, लेकिन दुल्हे के दोस्तों को रोकने का दुस्साहस नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने अपने समधी से इस विषय में बात की, किन्तु
6 शह अठारह-बीस वर्ष की एक युवती, बाल बॉयकॉट, जींस और टॉप पहने, हाथ में पर्स झुलाती, सड़क पर मटकते हुए जा रही थी। सामने से आते बाइक-सवार युवकों ने बाइक रोकी और उनमें से एक बोला - ‘हम ...Read Moreहैं। चलो बैठो बाइक पर।’ युवती - “ख़ैर चाहते हो तो खिसक लो, वरना शोर मचा दूँगी।’ ‘ग़र शोर ही मचाना था तो निमन्त्रण क्यों दिया?’ ‘मैंने तुम्हें कोई निमन्त्रण नहीं दिया।’ यह वार्तालाप चल ही रहा था कि एक बुजुर्ग जो वहाँ से गुजर रहा था, ने रुककर युवकों से कहा - ‘बच्चो! क्यों परेशान कर रहे हो लड़की
11 " काम भला, परिणाम...? " रमणीक अपनी कार से पटियाला जाने के लिये घर से निकला। हाईवे पर थोड़ी दूर ही गया था कि सामने कई गाड़ियाँ रुकी हुई दिखायी दीं। सोचने लगा, कहीं कोई एक्सीडेंट न ...Read Moreगया हो! कुछ ही क्षणों में सड़क के बीचों-बीच खड़े तीन-चार युवक हाथ हिला-हिला कर कार को रोकने का आग्रह करते दिखायी दिये। इतने में रमणीक की नज़र सड़क के किनारे लगे शामियाने पर जा पड़ी, जिसके नीचे तीन-चार टेबलों पर हलवे का प्रसाद और चाय का सामान रखा हुआ था। बहुत-से उत्साही नौजवान प्लास्टिक के दौनों में हलवा और
16 निरुत्तर सात-आठ वर्षीय सुमी अपनी मम्मी संग गर्मियों की छुट्टियों में अपनी ननिहाल आया हुआ था। बीस-बाईस वर्षीय नीतीश बेड पर बैठा टेलीविजन देख रहा था। सुमी बेडरूम में आया और बोला - 'मामू, मुझे कार्टून वाला चैनल ...Read Moreहै।' नीतीश हिस्ट्री चैनल देख रहा था, जिसपर उसका पसंदीदा एपीसोड आ रहा था। अतः उसने कहा - 'थोड़ी देर रुक जा। मैं यह एपीसोड देख लूँ, फिर तू कार्टून देख लेना।' सुमी उसी समय कार्टून देखना चाहता था। उसने रिमोट उठाया और चैनल बदल दिया। नीतीश ने उसके हाथ से रिमोट पकड़ते हुए उसे हल्का सा डाँट दिया। वह