PHANS GAYA GULSHAN book and story is written by BRIJESH PREM GOPINATH in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. PHANS GAYA GULSHAN is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
फंस गया गुलशन - Novels
by BRIJESH PREM GOPINATH
in
Hindi Fiction Stories
श्री गणेश आय नम:
वो भागा जा रहा था...हाथ में एक छोटा सा बैग लिए...बार बार मुड़ कर देख लेता...कोई उसका पीछा तो नहीं कर रहा...बाज़ार से निकलते हुए जैसे ही वो गली में मुड़ा...सामने से आ रहे पुलिसवालों को देखकर ठिठक गया...उसने मोबाइल निकाला और कान पर लगाकर ये दिखाने की कोशिश करने लगा कि वो किसी से बात कर रहा है...पुलिस कॉन्स्टेबल उसे घूरते हुए निकल गए...उसने कदम तेज़ी से आगे बढ़ाए...और एक कोने में जाकर मोबाइल से एक नंबर डायल किया...वो बुदबुदाया,”अरे उठाती क्यों नहीं”...पूरी बेल गई...दूसरी तरफ फोन नहीं उठा...पसीने से तर उसने एक बार फिर नंबर डायल किया...दो घंटी के बाद ही फोन उठा तो वो चीखते हुए बोला...”कहां रहता है फोन...और कहां रहती हो तुम”..
श्री गणेश आय नम:
वो भागा जा रहा था...हाथ में एक छोटा सा बैग लिए...बार बार मुड़ कर देख लेता...कोई उसका पीछा तो नहीं कर रहा...बाज़ार से निकलते हुए जैसे ही वो गली में मुड़ा...सामने से आ रहे पुलिसवालों को ...Read Moreठिठक गया...उसने मोबाइल निकाला और कान पर लगाकर ये दिखाने की कोशिश करने लगा कि वो किसी से बात कर रहा है...पुलिस कॉन्स्टेबल उसे घूरते हुए निकल गए...उसने कदम तेज़ी से आगे बढ़ाए...और एक कोने में जाकर मोबाइल से एक नंबर डायल किया...वो बुदबुदाया,”अरे उठाती क्यों नहीं”...पूरी बेल गई...दूसरी तरफ फोन नहीं उठा...पसीने से तर उसने एक बार फिर नंबर डायल किया...दो घंटी के बाद ही फोन उठा तो वो चीखते हुए बोला...”कहां रहता है फोन...और कहां रहती हो तुम”..
Recap: गुलशन कुछ गुंडों से जान बचाकर भाग रहा था...अचानक दो मोटरसायकिल सवार उस पर तलवार से हमला कर देते हैं...वार कंधे पर लगता है...इससे पहले की उस पर दूसरा हमला होता सामने से पुलिस की जीप आ जाती ...Read Moreगुलशन बेहोश हो जाता है...अस्पताल में पुलिस इंस्पेक्टर गुलशन के दोस्त से उसके बारे में पूछता है... अब आगे... ”गुल्लू...प्यार से हम गुलशन को गुल्लू ही कहते हैं साहबजी...कमाल का बंदा है...बिंदास...मस्तमौला...दूसरों की मदद करने वाला...घर परिवार का ख़याल रखने वाला...हमेशा हंसना और दूसरों को हंसाना...क्या बताऊं कितनी खूबियां हैं इसमें...तभी तो हैरानी होती है...कि इतने प्यारे इंसान की
श्री गणेश आय नम: Recap: पिछले अंक में आपने पढ़ा गुलशन को दिल्ली से नौकरी का कॉल आता है, वो बहुत खुश है लेकिन उसकी प्रेमिका के घरवाले उसकी शादी कहीं और तय कर रहे हैं. गुलशन किसी तरह ...Read Moreसमय बिताने के लिए कहता है, नौकरी करते ही शादी करने की बात कहता है, दोनों पार्क में मिलकर सारी बातें करते हैं...अब आगे रात करीब एक बजे का वक्त था...पूरा गांव नींद में डूबा था, कभी कभी किसी कुत्ते के भोंकने से शांति भंग हो जाती, ठंड भी आज बढ़ गई थी...रजाई ओढ़ कर गुलशन मोबाइल पर सोनी से