Meri Nazar se Dekho book and story is written by Rajat Singhal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Meri Nazar se Dekho is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मेरी नजर से देखो - Novels
by Rajat Singhal
in
Hindi Short Stories
मै एक नवीन लेखक अपनी इन लघु कहानियों से एक समाज की भिन्न - २ समस्याओ से ग्रस्त छवि को दिखाने का प्रयत्न करूँगा। मै हर समस्या के मध्य रह व मुझसे जूडे अनुभवो की भ्रांतियो को अपने लेख के माध्यम से आप तक प्रस्तुत करने को प्रयत्नशील रहूँगा। -------------------ये कहानी का दौर शुरू होता है जमुनापुर गांव में रह रहे एक परिवार से। परिवार में चार सदस्य थे। जिसमें से एक मेरी इस कहानी का मुख्य पात्र है। उसका नाम है सांभाजी। इस कहानी में मेरा छोटा सा पात्र ये है कि वह मुझे काका कहता है और मै उसे
मेरी नजर से देखो - भाग 1 - आरक्षण - सपनो की अपंगता ----------------------------------------------------------------- मै एक नवीन लेखक अपनी इन लघु कहानियों से एक समाज की भिन्न - २ समस्याओ से ग्रस्त छवि को दिखाने का प्रयत्न करूँगा। मै ...Read Moreसमस्या के मध्य रह व मुझसे जूडे अनुभवो की भ्रांतियो को अपने लेख के माध्यम से आप तक प्रस्तुत करने को प्रयत्नशील रहूँगा। - ----------------------------------------------------------------
...कि अचानक पास ही चल रहे टेलिविजन पर एक सरकारी अधिकारी की मौत की खबर सुनी, किसी माफियों का काम लगता है। मगर मुझे तो मालूम था कि पीछे कौन- सा माफिया है? ओर ये सोचते- सोचते मै अपने ...Read Moreको बीस साल पहले ले गया। एक ओर यादो में जहाँ ऐसे सरकारी तंत्र का सामना मुझे भी करना पडा था... ---------------- ---------------- ---------------- ---------------- उन दिनों मै रातखेडी जिले में पत्रकार था। वो दिन याद है मुझे की चारो ओर मेरे शोर ही शोर था। उस शोर के बीच से मैने जब रातखेडी के विधायक श्रीमान दौलतदास जी
...कि मेरी पत्नी के भाई यानी मेरे साले मजबूरदास की काॅल आ गई। अपनी जीजी से मिलने को आ रहा था। मैने अपनी पत्नी को कहा तेरा भाई आ रहा है, कुछ पकवान बना लो। वैसे तो हमारे साले ...Read Moreकी भी सरकार के तंत्र के साथ बडी रोचक कहानी है, इतने में वो आए मै आपको बता देता हूँ कि आखिर वो कैसे इन सरकारी झमेलो में आ गए?... ---------------- ---------------- ---------------- ---------------- मजबूरदास का जैसा नाम वैसा ही स्वभाव। इसके माथे पर शिखर हमेशा ज्यों की त्यों रहती है। और बुढापा उम्र से पहले आ गया, अभी उम्र
टिंग टोंग... लगता है मजबूरदास आ गया। मैने मेरी पत्नी को दरवाजे खोलने को रूक्का दिया। मेरी पत्नी ने अपने भाई की आवभगत की, फिर मैने पुछा ओर आजकल क्या चल रहा साले साहब । कहने लगे क्या बताए ...Read Moreआपसे क्या कुछ छुपा है, पिछले साल दोनो बेटियों की शादी का खर्चा ज्यो त्यों निकाला था। अब इनकी माँ की क्या ही कहे... । एक लम्बी बातचीत के बाद मजबूरदास चला गया। और मेरी कलम का दौर अब यहाँ से आगे शुरू हुआ। सामाजिक मुद्दो की असहजता के बारे में, जिसकी वजह कभी कभी हम ही होते है।। ---------------- ----------------