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रेज़्यूमे वाली शादी - Novels
by Daanu
in
Hindi Fiction Stories
यह कहानी है, दो लोगों की जो शुरू वहाँ से होती है, जहाँ पर बड़ी-बड़ी प्रेम कहानियां खत्म हो जाती है, उस दिन उस बड़े से घरेलू रेस्टोरेंट में एक चकोर मेज़ के आमने सामने वाली कुर्सियां लिए बैठे थे, ये दोनों, "अब बताओ मुद्दा क्या है?", "मुद्दा क्या है, दी ग्रेट अवनी को यह भी नहीं पता की मुद्दा हमारी शादी है मैडम!" यह सुनते ही अवनी की मंद सी मुस्कुराहट हल्के से चिड़चिड़ेपन में बदलती दिखी, जिसके साथ वो बोली "शादी, हमारी शादी, दी ग्रेटेस्ट ऑफ ग्रेट निलय वाधवा, मुझसे शादी करना चाहते हैं?, मजाक़ ना जा कर किसी और के साथ करो",
यह कहानी है, दो लोगों की जो शुरू वहाँ से होती है, जहाँ पर बड़ी-बड़ी प्रेम कहानियां खत्म हो जाती है, उस दिन उस बड़े से घरेलू रेस्टोरेंट में एक चकोर मेज़ के आमने सामने वाली कुर्सियां लिए बैठे ...Read Moreये दोनों, "अब बताओ मुद्दा क्या है?", "मुद्दा क्या है, दी ग्रेट अवनी को यह भी नहीं पता की मुद्दा हमारी शादी है मैडम!" यह सुनते ही अवनी की मंद सी मुस्कुराहट हल्के से चिड़चिड़ेपन में बदलती दिखी, जिसके साथ वो बोली "शादी, हमारी शादी, दी ग्रेटेस्ट ऑफ ग्रेट निलय वाधवा, मुझसे शादी करना चाहते हैं?, मजाक़ ना जा कर
घर पहुंचते ही अवनी ने अपने घरवालों को रिश्ते के लिए मना कर दिया जिस पर माँ बोली, "अच्छा ही है वो लोग मुझे तो बिल्कुल पसंद नहीं आए ,मैंने दो दो कचौड़ियां मंगाई थी और ...Read More चार चार कचोरी ले गए"।"माँ आप एक कचौड़ी के पीछे रिश्ते को ना कह रहे हो?"जिस पर माँ थोड़ी संजीदा होकर बोली, "नहीं बेटा एक कचोरी के पीछे, नहीं पूरी दो कचौड़ियों के पीछे बोला मैंने"।"माँ..""वैसे मुझे भी नहीं पसंद आए वह लोग ज्यादा, इतनी अकड़ किस बात की थी उन्हें ,तुम भी तो निलय जितना कमाती हो और उससे ज्यादा बड़ी कंपनी में
अवनी ने तो सोचा था कि उसे सलवार सूट में देखकर निलय थोड़ा गुस्सा हो जाएगा, क्योंकि वो उसे कहीं क्लब वगरह नहीं ले जा पाएगा और उसका वो गुस्सा देखकर अवनी को अलग ही शांति मिलेगी, ऐसा नहीं ...Read Moreकि अवनी को निलय से कोई दिक्कत है पर बचपन से उनका रिश्ता कुछ ऐसा ही रहा है, वैसे तो वो मुश्किल से पांच-छ: साल ही साथ पढ़े हैं पर उन सालों में भी काफी कुछ हो गया।"चले..??", निलय अवनी को असल दुनिया में वापस लाते हुए बोला,"वैसे तुम तारीफ़ करने में कच्ची हो, कम से कम आज तो इस हैंडसम
"उम्मीद है कि 8 हफ्ते से ज्यादा लंबा नहीं होगा.. निलय निलय ये क्या बोल आया तू, ऐसे कौन बोलता है, ऐसे लग रहा है पता नहीं कितना डेसपरेट हूं मैं", अपनी हरकतों का विश्लेषण करते हुए निलय बोला।आज ...Read More4 दिन हो गए थे निलय और अवनी की पहली डेट को, और अवनी का ना तो कोई मैसेज आया और ना ही कॉल। आजकल का ज़माना अजी बहुत खराब है, पहले जहां लोग एक जवाब के लिए चार-चार हफ्तों का इंतजार कर लेते थे, वहीं आजकल चार घन्टे में जवाब नहीं आया तो समझो ब्रेकअप हो गया और यहाँ
ब्लैक टॉप ब्लू जींस और पीछे की ओर बंधे हुए बालों में अवनी को सामने देख निलय बोला, "आज ना तो सलवार सूट है और ना ही कोई भाग कर आया, ऐसा लगता है जैसे मेरा दिन अच्छा नहीं ...Read More"सच में??" अवनी मुस्कुराहट एकदम से बढ़ाते हुए बोली।"इतनी खुशी तुम्हें सिर्फ यह सुनकर हो रही है ना कि मेरा दिन अच्छा नहीं है?""और क्या.. चले अब?!", स्टेशन पर आई मेट्रो की तरफ इशारा करके अवनी ने कहा।"कौन सा स्टेशन?""यहाँ से चौथा स्टेशन, 'दी मॉल'।""क्या??""हाँ ,चौथे स्टेशन पर ही तो है ना वो?""हम चौथे स्टेशन पर 15 मिनट में पहुँच जाएंगे,