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मिड डे मील - Novels
by Swatigrover
in
Hindi Fiction Stories
हरिहर स्कूल की दीवार पर लिखा पढ़ रहा है ----'शिक्षा पर सबका अधिकार हैं' उसने यह बार-बार पढ़ा और अपने दोनों बेटे केशव और मनोहर का हाथ कसकर पकड़ लिया। वह स्कूल के बाहर पहुँचा और चपरासी मनीराम को देखकर मुस्कुराया और पूछने लगा, बड़े सरजी अंदर है तो जाने दो मनीभाई। सुनकर मनीराम थोड़ा गुस्सा हो गया। सुन !हरिहर मैं तेरा भाई नहीं हूँ, वो मैं ज़्यादा पढ़ नहीं सका इसलिए यहाँ चपरासी लग गया। वरना जात-पात में हमारी कोई बराबरी नहीं। कहकर मनीराम पान चबाने लगा । एक बार फ़िर हरिहर ने उसे गुज़ारिश की कि हमें अंदर जाने दें । उसके दोनों बेटे के भविष्य का सवाल है । पहले मनीराम ने अकड़ दिखाई। फिर यह सोचकर कि इसका काम तो बनने नहीं वाला, उल्टा बड़े सरजी की बात सुनने को मिलेगी उसने मुँह बिचकाते हुए कहा, ठीक है, जा ।
मिड डे मील 1 हरिहर स्कूल की दीवार पर लिखा पढ़ रहा है ----'शिक्षा पर सबका अधिकार हैं' उसने यह बार-बार पढ़ा ...Read Moreअपने दोनों बेटे केशव और मनोहर का हाथ कसकर पकड़ लिया। वह स्कूल के बाहर पहुँचा और चपरासी मनीराम को देखकर मुस्कुराया और पूछने लगा, बड़े सरजी अंदर है तो जाने दो मनीभाई। सुनकर मनीराम थोड़ा गुस्सा हो गया। सुन !हरिहर मैं तेरा भाई नहीं हूँ, वो मैं ज़्यादा पढ़ नहीं सका इसलिए यहाँ चपरासी लग गया। वरना जात-पात में हमारी कोई बराबरी नहीं। कहकर मनीराम पान चबाने लगा । एक बार फ़िर हरिहर ने उसे गुज़ारिश
2 थोड़ी देर बाद लोग आने लगे और वह समोसे बेचने लगा। पूरे गॉंव में वह ही बढ़िया समोसे बनाता ...Read More दो-चार और लोगों ने भी समोसे की रेहड़ी लगाई, मगर किसी के समोसे ख़ास नहीं चले। लोग हरिहर के समोसे बड़े चाव से खाते थें । आज देर से ठेला क्यों लगाया तने ? समोसे बने नहीं थे, क्या? लोहिया चाचा ने सवाल किया। नहीं, वो मैंने सुबह ही बना लिए थें, बस तले अब हैं। हरिहर ने उसे समोसा देते हुए कहा । का बात है, कउनो परेसानी है क्या ? लोहिया चाचा वही पास ही रखे
भीमा ने हरिहर के कँधे पर हाथ रखा और कहा, भाभी से माफ़ी माँग लियो। बच्चे तुझे देख रहे होंगे । जा घर जा । ...Read More ने एक नज़र नहर पर डाली । और अपने घर की तरफ़ चल दिया । रास्ते से रमिया काकी के यहाँ से बच्चों को लेकर अपने घर पहुँचा । घर के नाम पर ईटों से बना एक कमरा, रसोई और स्नानघर हैं । केशव की माँ भागो हमेशा कहती थीं, बच्चे पढ़-लिखकर हमारी गरीबी मिटा देंगे । उसने सोच लिया है, कल ही बच्चो का दाख़िला अपनी तरफ़ के स्कूल में करवा देता हूँ ।
4. राम बिस्वास यह तू सच कह रहा है क्या ? उसने चुप कराते हुए पूछा । हाँ, भाई, बिलकुल सच। माँ भवानी की शपथ। उस ...Read More के बड़े लड़के बिरजू ने मेरी मुनिया की इज़्ज़त को दाग लगाया और फ़िर मुँह बंद रखने को उसने मुझे बीस हज़ार रुपए दिए। उन्ही पैसों से अपने बिटुवा का दाखिला करवाया । बिस्वास ने हाथ से मुँह छुपाते हुए कहा । तू थाने क्यों नहीं गया ? ऐसे कैसे 4 मुँह बंद कर लिया अपना ? हरिहर ने गुस्से में कहा। थाने जाकर क्या हों जाता ? वो थानेदार भी इन पैसे वालों
5 चार दिन बाद शालिनी और हरिहर स्कूल के बाहर खड़े थें । मनीराम पान से भरा मुँह बिचकाकर उन्हें देख रहा था । जब उसने ...Read Moreस्कूल का दरवाज़ा खोला तो हरिहर को लगा आज उसके बच्चों की बंद किस्मत के दरवाज़े भी खुल जायेंगे। मोतीलाल इस तरह अपने कमरे में दोनों को देखकर हैरान और सकते में आ गया । उसने बड़े ही कड़वे लहज़े में बोलना शुरू किया, यह कोई तरीका नहीं है, मैं तुम लोगों को अभी थाने पहुँचा सकता हूँ । और बहनजी आप यहाँ इनके साथ क्या कर रही हैं? अब पुरषों की रीढ़ की