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संस्कृत वांग्मय में जीवन दर्शन - Novels
by Dr Mrs Lalit Kishori Sharma
in
Hindi Fiction Stories
ईश्वरीय संगीत और लय से संजोए गए मानव जीवन की धवल कांति से परिपूर्ण संपूर्ण संस्कृत वांग्मय रूपी विशाल सागर भारतीय जीवन दर्शन की उदात्त गरिमा से आलोकित होता हुआ दृष्टिगोचर होता है। कहते हैं उच्च कोटि का कवि एक महान दार्शनिक भी होता है शायद इसीलिए महानतम कवि एवं श्रेष्ठतम दार्शनिकों द्वारा सुजन किए गए संस्कृत वांग्मय में अध्यात्म की ऊंचाइयों को छूने वाले तथा अंतरात्मा की गहराई में अवगाहन करने वाले ऐसे जीवन दर्शन का साक्षात्कार होता है जो अन्यत्र दुर्लभ हैदर्शन शब्द संस्कृत की दृश धातु से दृश्यते अनैन इति दर्शनम् अर्थ का द्योतक है अर्थात जिसके
ईश्वरीय संगीत और लय से संजोए गए मानव जीवन की धवल कांति से परिपूर्ण संपूर्ण संस्कृत वांग्मय रूपी विशाल सागर भारतीय जीवन दर्शन की उदात्त गरिमा से आलोकित होता हुआ दृष्टिगोचर होता है। कहते हैं उच्च कोटि का कवि ...Read Moreमहान दार्शनिक भी होता है शायद इसीलिए महानतम कवि एवं श्रेष्ठतम दार्शनिकों द्वारा सुजन किए गए संस्कृत वांग्मय में अध्यात्म की ऊंचाइयों को छूने वाले तथा अंतरात्मा की गहराई में अवगाहन करने वाले ऐसे जीवन दर्शन का साक्षात्कार होता है जो अन्यत्र दुर्लभ हैदर्शन शब्द संस्कृत की दृश धातु से दृश्यते अनैन इति दर्शनम् अर्थ का द्योतक है अर्थात जिसके
संस्कारसंस्कार मानव के नव निर्माण की आध्यात्मिक योजना है । चरक ऋषि ने कहां है संस्कारों हि गुणाअंतर आधान, उच्यते अर्थात संस्कार पहले से विद्यमान दुर्गुणों को हटाकर उनके स्थान पर सद्गुणों का आधान कर देने का नाम है ...Read Moreवेद स्मृति आदि ग्रंथों में 42 संस्कारों का उल्लेख है जिनमें 16 प्रमुख हैं गर्भाधान पुस वन सीमंतोनयन जात कर्म नामकरण निष्क्रमण अन्नप्राशन चूड़ा कर्म कर्ण छेदन उपनयन वेद आरंभ समावर्तन विवाह वानप्रस्थ सन्यास और अंत्येष्टि। भारतीय दर्शन में गर्भाधान को एक संस्कार का नाम देना निश्चित ही उसके लक्ष्य की महानता को शुद्ध करता है इसे पति पत्नी द्वारा