Niyati book and story is written by PRATIK PATHAK in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Niyati is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
नियति ...can’t change by anybody - Novels
by PRATIK PATHAK
in
Hindi Fiction Stories
शीर्षक: नियति ...can’t change by anybody लेखक: प्रतीक पाठक कहानी के किरदार :1) डॉ.अमित नायक – प्रोफेसर 2) मालिनी - डॉ.अमित नायक की सहायक 3) रंगनाथ उर्फ रंगा - डॉ.अमित नायककी कॉलेज के डिन 4) माइकल - एक गुंडाशनिवार की रात थी करीब करीब ११:५० बजे थे, अहेमदाबाद के ऐस.जी हाइवे पे स्थित अपर्णा एपार्टमेन्ट के फ्लेट नं.३०६ में..... में आर. जे. प्रतिक रातके ११:५० बज रहे है, अहेमदाबादमे मस्त बारिश हो रही है और आप सुन रहे है, “रात बाकि बात बाकि”, ऐसी मस्त बारिश में आपके साथ आपका
शीर्षक: नियति ...can’t change by anybody लेखक: प्रतीक पाठक कहानी के किरदार :1) डॉ.अमित नायक – प्रोफेसर 2) मालिनी - डॉ.अमित नायक की सहायक 3) रंगनाथ उर्फ रंगा - डॉ.अमित नायककी कॉलेज के ...Read More डिन 4) माइकल - एक गुंडाशनिवार की रात थी करीब करीब ११:५० बजे थे, अहेमदाबाद के ऐस.जी हाइवे पे स्थित अपर्णा एपार्टमेन्ट के फ्लेट नं.३०६ में..... में आर. जे. प्रतिक रातके ११:५० बज रहे है, अहेमदाबादमे मस्त बारिश हो रही है और आप सुन रहे है, “रात बाकि बात बाकि”, ऐसी मस्त बारिश में आपके साथ आपका
1 साल पहले ...... अमित इनफ़ इस इनफ़ अब मे तुम्हें और मदद नहीं कर शकता,तुम्हारा प्रोजेक्ट एकदम वाहियात है,यह समय यात्रा और यह प्रोबेबलिटी सब कुछ अँग्रेजी फिल्मों में अच्छा लगता है हकीकत मेख नहीं होता। रंगा ...Read Moreअमित नायक के कॉलेज के डायरेकटर थे उसने अपनी केबिन मे अमित को कहा। अमित नायक एक साइंटिस है और अहेमदाबादकी एक बड़ी कॉलेज मे बतोर प्रोफेसर है,जिसने समय यात्रा की खोजके पीछे अपने सारे पैसे और जीवनके बारह साल बिता दिये।अपनी पैतालिश सालकी उम्रमे कई सारे ऐवोर्ड,मेडल और कई सन्मान हासिल किए।मगर मनमे ए
अमित को उसकी सहायक मिल चुकी थी जिसकी वजह से एक तीर से तीन शिकार हुए थे उसके कॉलेज की नौकरी बच गई और उसको अपना रिसर्च में कुछ जान आ गई थी मगर पैसों की कमी ...Read Moreभी खल रही थी। मशीन के कुछ हिस्से बहुत महंगे थे और भारत में नहीं मिल रहे थे कुछ हिस्से ऐसे भी थे जो सिर्फ आर्मी और देश की चुनिंदा संस्थाओं के लिए होते हैं उसको ग्रे मार्केट में रशिया या जर्मनी में से ही लाया जा सकता था क्योंकि विश्व युद्ध एक और दो के दरमियान जर्मनी और रशिया में टाइम
मालिनी देखो, समझने की कोशिश करो मैं तुम्हें प्यार करने लगा हूं, तुम्हें देख कर मैं बहक गया था मुझे माफ कर दो और मेरी प्रयोगशाला है मैं टाइम आने पर तुम्हें दिखाऊंगा अमित ने कहामुझे अभी देखना है ...Read Moreमैं आप पर केस कर दूंगी मालिनी बहुत गुस्से में बोली अभी देखना है –अमित हां अभी ही देखना है ॥तो चलो गाड़ी में बैठो अमित ने कहा दोनों फ्लेट से बाहर निकलकर गाड़ी में बैठे,अमितने गाड़ी स्टार्ट की ओर अहेमदाबाद शहर से दूर जाने लगे, अहेमदाबादमे 10 किलोमीटर दूर सुमशान सड़क पर गाड़ी चल रही थी, आसपास कोई इंस
सर प्रोजेक्ट के लिए आपको कितने रुपए की जरूरत है? माइकल ने पूछा है मालिनीने कहा मतलब तूने हमारे प्रोजेक्ट के बारे में उसको बता दिया ? अमितने बेचैन होकर पूछा नहीं नहीं सर मैंने नहीं बताया पर कितने ...Read Moreचाहिए मालिनी ने पूछादो सों करोड़ अमित ने जवाब दिया क्या दो सों करोड़? मालिनी की आंखें खुल गई और बोली कल मिलने बुलाया है माइकलने। दूसरे दिन मीटिंग एक बड़े रिसोर्ट में थी मालिनी और अमित को बारी-बारी सिक्योरिटी ने चेक किया चारों ऑर गनके साथ सिक्योरिटी गार्ड तैनात थे मानो माइकल कोई बड़ा आदमी हो,वो एक बड़ी कुर्सी पर बैठा था ओर