Tere Ishq me book and story is written by Jagruti Joshi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tere Ishq me is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तेरे इश्क में - Novels
by Jagruti Joshi
in
Hindi Love Stories
"श्री" सो रही थी घड़ी की टीक टीक टीक आवाज पूरे कमरे मे छा रही थी, अभी फ़रवरी का महीना चल रहा था तो गुलाबी ठंड की लहर चल रही थी।
सर्दी का मौसम था तो किसीका भी अपने बेड से उठने का मन नही करता। वो ही हाल श्री का था पर उसका फोन बार बार रिंग किये जा रहा था।
उस ने बीना देखे फोन उठाया ओर कहा अबकी बार अगर फोन कीया ना तो मे टिकट कैंसिल करवा दूंगी।
सामने उसकी दोस्त जीया थी
उसकी सादी थी सारे दोस्त आ गए थे सिवा श्री के तो वो बार बार कोल करके ये पूछ रही थी की वो कब आएगी । करीब पचास से भी ज्यादा कोल कर लीये थे उसने ,
ओर यही बात मेडम को इरिटेटिंग लग रही थी ।
जीया ने कहा
जीया- जब तक तु जयपुर नही पहुंच जाती तब तक कोल करती रहुंगी समजी बोल कब तक आऐगी।
"श्री" सो रही थी घड़ी की टीक टीक टीक आवाज पूरे कमरे मे छा रही थी, अभी फ़रवरी का महीना चल ...Read More रहा था तो गुलाबी ठंड की लहर चल रही थी। सर्दी का मौसम था तो किसीका भी अपने बेड से उठने का मन नही करता। वो ही हाल श्री का था पर उसका फोन बार बार रिंग किये जा रहा था। उस ने बीना देखे फोन उठाया ओर कहा अबकी बार अगर फोन कीया ना तो मे टिकट कैंसिल करवा दूंगी। सामने उसकी दोस्त जीया थी उसकी सादी थी सारे दोस्त आ गए थे सिवा श्री के तो
सब लोग डांस प्रैक्टिस कर ने चले गए। श्री ने एक चेर ली ओर ...Read Moreजीया और बाकी सब का डांस देख सके इस लिए वो ठीक उनके सामने बैठ गई। उस ओर ठीक उसके सामने दर्श बेठा था। दोनो की नजरे एक दूसरे से टकरा रही थी। पर श्री को थोडा अजीब लग रहा था। श्री वहा से खडी हुई, दर्श ओर नाच गाने के शोरशराबे से थोड़ा दूर जाके पेड के नीचे बैठ गई । उसने अपनी आंखो को बंद कीया लंबी सांस ली , दर्श की ओर देखा । ओर पुरानी यादो
लास्ट चार साल से श्री दर्श को पसंद करती थी। उसे देखते देखते कब ...Read More हो गये वो उसे खूद भी मालूम नही था। श्री ने कभी कोशिश ही नही की दर्श उस्से बात करे या फ्रेंडशिप । उसे तो एकतरफ़ा प्यार करने मे ही मजा आने लगा था। वो जहा भी जाता उसे उस जगह वो फोलो करती। ये बात अपने दोस्तो को वो कभी भी बताने वाली नही थी की दर्श से वो प्यार करती है। पर एक ही पल मे बोहोत कुछ हो गया था उसके सारे दोस्त तो एसे खडे
हलकी सी धूप खिडकी से होकर श्री के चहेरे पर गीर रही थी । जीया बार बार ...Read Moreपरदे को उपर नीचे कर के श्री को परेशान कर रही थी, श्री चीढ ते हुए सोते सोते ही बोली यार सोने देना काफी दीनो बाद सुकून भरी नींद आई है । श्री की बच्ची घडी मे देख कीतने बजे है , शादी मे आई है , या सोने चल उठ । श्री ने कहा यार बस दस मिनट ही। जीया ने कहा उठ यार नही तो पानी डालुंगी। श्री उठ ते हुए , छोडुंगी नही तुजे ओर वो पीलो
शाम का वक्त शाम का वक्त था। तारो के साथ चंद्रमा भी अभी अभी आसमान मे दिखे थे। हलकी सी ठंडी शीत लहेरे ...Read More आ रही थी । आजकी शाम बाकी की शाम से बहुत ही अलग ओर सुंदर थी। पूरे रिसोर्ट को फायर स्ट्रिंग लाइट से सजा दिया था। ˈफ़ाउन्टन् भी कलरिंग लाइटो से सजा हुआ था ओर जब उसमे से पानी के फव्वारे ओर कलरिंग लाइट मीलते तो वो नजारा इन्द्रधनुष जेसा दीख रहा था । मीठी ओर धीमी शहनाई की धून बज रही थी। शादी का मंडप पूरा फूलो से सजा