चक्रव्यूह - Novels
by Kahanibaaz
in
Hindi Thriller
जैसलमेर के एक अस्पताल में एक बड़े से कमरे में दोनों तरफ बिस्तरों पर कुछ मरीज लेटे हुए थे । उनके साथ एक - एक अटेंडेंट भी मौजूद थे जो कि उनके ही परिवार के सदस्य थे। दिन के समय वो अटैंडेंट अपने मरीजों के पास कुर्सी पर बैठते थे और रात में वहीं कमरे में मरीजों के लिए मौजूद खाली बेडों पर सो जाते । जिन मरीजों का इलाज पूरा हो जाता था , उन्हें यहाँ इस कमरे में कुछ दिन निरीक्षण के लिए रखा जाता था,जब सब कुछ सही रहता तो उन्हें छुट्टी दे दी जाती थी इसलिए यहाँ कम ही भीड़ रहती थी।
जैसलमेर के एक अस्पताल में एक बड़े से कमरे में दोनों तरफ बिस्तरों पर कुछ मरीज लेटे हुए थे । उनके साथ एक - एक अटेंडेंट भी मौजूद थे जो कि उनके ही परिवार के सदस्य थे। दिन के ...Read Moreवो अटैंडेंट अपने मरीजों के पास कुर्सी पर बैठते थे और रात में वहीं कमरे में मरीजों के लिए मौजूद खाली बेडों पर सो जाते । जिन मरीजों का इलाज पूरा हो जाता था , उन्हें यहाँ इस कमरे में कुछ दिन निरीक्षण के लिए रखा जाता था,जब सब कुछ सही रहता तो उन्हें छुट्टी दे दी जाती थी इसलिए