अंतिम इच्छा - Novels
by Kishanlal Sharma
in
Hindi Moral Stories
"क्या मेरी अंतिम इच्छा पूरी करोगी?"
राजेश,दिनेश और कविता कॉलेज में साथ पढ़ते थे।राजेश और कविता के पिता सरकारी अफसर थे।जबकि दिनेश के पिता किसी प्राइवेट कंपनी में काम करते थे।कविता,राजेश और दिनेश पक्के दोस्त थे।
कविता गोरे रंग की सुंदर ...Read Moreथी।साथ पढ़ते पढ़ते राजेश ,कविता को चाहने लगा।प्यार करने लगा।जबकि कविता दिल ही दिल मे दिनेश को चाहती थी।
समय गुज़रने के साथ तीनो ने बी ए पास कर लिया।स्नातक होने के बाद तीनों ही दोस्त एन डी एस की परीक्षा में बैठे थे।लेकिन सफलता राजेश को ही मिली थी।जब राजेश ट्रेनिंग में जाने लगा तब कविता और दिनेश उसे सी ऑफ करने स्टेशन तक गए थे।कुछ क्षण के लिए राजेश को अकेले में बात करने का मौका मिला तो वह कविता से बोला," मैं तुमसे प्यार करता हूँ और तुम्हे अपनी बनाना चाहता हूँ।"
"क्या मेरी अंतिम इच्छा पूरी करोगी?"राजेश,दिनेश और कविता कॉलेज में साथ पढ़ते थे।राजेश और कविता के पिता सरकारी अफसर थे।जबकि दिनेश के पिता किसी प्राइवेट कंपनी में काम करते थे।कविता,राजेश और दिनेश पक्के दोस्त थे।कविता गोरे रंग की सुंदर ...Read Moreथी।साथ पढ़ते पढ़ते राजेश ,कविता को चाहने लगा।प्यार करने लगा।जबकि कविता दिल ही दिल मे दिनेश को चाहती थी।समय गुज़रने के साथ तीनो ने बी ए पास कर लिया।स्नातक होने के बाद तीनों ही दोस्त एन डी एस की परीक्षा में बैठे थे।लेकिन सफलता राजेश को ही मिली थी।जब राजेश ट्रेनिंग में जाने लगा तब कविता और दिनेश उसे सी
केंद्र में सरकार बदलने के साथ ही सरकार की कश्मीर नीति में परिवर्तन आया था।आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई।अलगवादियो को नज़रबन्द करने के साथ आतंकवादियों को चुन चुनकर जहुनम भेजा जाने लगा।पत्थरबाजों को पकड़ा जाने ...Read Moreफिर दुबारा केंद्र में सरकार में लौटने पर सबसे पहला काम सरकार ने धारा तीन सौ सत्तर और पैंतीस ए हटाने का किया।इससे राज्य का विशेष दर्जा खत्म हो गया।जम्मू और कश्मीर का विभाजन करके उसे दो भागों में बांटकर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया।और इस तरह जम्मू कश्मीर अन्य राजयो की तरह भारत का हिस्सा बन गया।कश्मीर में धारा
राजेश ने सब बाते सुन ली थी लेकिन उसने अपनी पत्नी कविता को यह नही बताया था।असलियत का पता चलने पर वह अपने आपको कविता का गुनहगार समझने लगा।वह कविता को चाहता था।प्यार करता था।लेकिन उसने यह ...Read Moreका प्रयास नही किया कि कविता भी उसे चाहती है या नही?और यह जाने बिना उसने कविता के पिता से मिलकर शादी का प्रस्ताव रख दिया।कविता के पिता ने भी अपनी बेटी से उसकी पसंद नापसन्द पूछना जरूरी नही समझा।पिता ने समझ लिया दोनो साथ पढ़े है और प्यार करते होंगें।दिनेश लौट आया था लेकिन उथल पुथल उसके दिल ने भी मच