Bigdail Ladki book and story is written by Parveen Negi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bigdail Ladki is also popular in Anything in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
बिगड़ैल लड़की - Novels
by Parveen Negi
in
Hindi Anything
ह कहानी,, पूर्ण रुप से काल्पनिक है ।किसी भी जाति धर्म स्थान व्यक्ति से कोई संबंध नहीं रखती है ।इसे सिर्फ मनोरंजन की दृष्टि से लिखा गया है ।तो इसे सिर्फ मनोरंजन की दृष्टि से ही पड़े ।और फिर भी यह किसी से मैच करती है तो ,वह सिर्फ एक संयोग होगा।
यह कहानी का भाग 1
एक आलीशान कोठी के अंदर ,ऊपर के माले से नीचे आती हुई, सीढ़ियों से 20 साल की खूबसूरत लड़की नीचे उतर कर आ रही थी ।देखने से ही पता लग रहा था कि इसमें हर वह बात है ,जो एक मॉडर्न लड़की में आजकल देखने को मिल जाती है।
बलवंत ,जो वही हॉल में बैठे हुए मोबाइल से,, किसी से बात कर रहे थे अपनी बेटी को बाहर जाता देख कर,,
बलवंत ,,"रवीना कहां जा रही हो इस वक्त रात के 11:00 ?
यह कहानी,, पूर्ण रुप से काल्पनिक है ।किसी भी जाति धर्म स्थान व्यक्ति से कोई संबंध नहीं रखती है ।इसे सिर्फ मनोरंजन की दृष्टि से लिखा गया है ।तो इसे सिर्फ मनोरंजन की दृष्टि से ही पड़े ।और ...Read Moreभी यह किसी से मैच करती है तो ,वह सिर्फ एक संयोग होगा। यह कहानी का भाग 1 एक आलीशान कोठी के अंदर ,ऊपर के माले से नीचे आती हुई, सीढ़ियों से 20 साल की खूबसूरत लड़की नीचे उतर कर आ रही थी ।देखने से ही पता लग रहा था कि इसमें हर वह बात है ,जो एक मॉडर्न लड़की में
कहानी को समझने के लिए ,,पिछला भाग अवश्य पढ़े,, यह कहानी का,, भाग 2 अब आगे:- रात 11:00 बजे ,बलवंत अपनी बेटी से परेशान अपना सिर पकड़ कर सोफे पर बैठा हुआ है ,""उसे समझ नहीं आ रहा कि ...Read Moreअपनी बेटी को सही रास्ते पर कैसे लाएं, पैदा होने के बाद उसे कितने लाड और प्यार से पाला था ,,और आज वही बेटी बड़ी हो कर ,,उसे खून के आंसू रोने पर विवश कर रही थी,,, बलवंत ,,टेबल पर पड़ा अपना मोबाइल उठाते हैं ,और अपने एक दोस्त को फोन मिलाने लगते हैं,,,, बलवंत,,"" हेलो प्रकाश "" प्रकाश,," हेलो
कहानी को समझने के लिए ,पिछले बार अवश्य पढ़े ,यह कहानी का भाग 3 अब आगे:- रवीना, सुबह 5:00 बजे के करीब उस कोठी से बाहर अपनी कार लेकर निकल गई थी ,,उसका सिर भारी हो रहा ...Read Moreऔर आंखों में हल्की जलन हो रही थी, आंखों की पुतलियां मोटी और लाल दिख रही थी,,, रवीना ने ,,म्यूजिक ऑन कर दिया था ,,और बड़े आराम से अपने घर की बढ़ रही थी,,,, रात को मारा गया कुत्ता भी, उसे वही मरा हुआ नजर आ गया था,,, और उसे अब मरा देखकर,, रवीना को थोड़ा अजीब सा फील हुआ था,, रवीना,,,""
कहानी को समझने के लिए पिछले भाग ,अवश्य पढ़ें ,यह कहानी का भाग ,4 अब आगे,,, रवीना और रेणुका जो ,सुबह के वक्त ही सोने के लिए लेटे थे,, उन्हें लेटते ही अब गहरी नींद आ गई थी,,, ...Read More,,,तो वैसे ही रात भर नशे में थी, और सुबह उसने अपना उल्टी करके नशे को उतारा था ,,,वह भी अब बेसुध होकर सो रही थी,,,,, बलवंत सिंह, इन दोनों का दरवाजा खटखटा रहे थे, और फिर इन दोनों को गहरी नींद में सोता देख कर, दरवाजा बंद करके चले गए थे,,, बलवंत ,नाश्ते की टेबल पर बैठे थे ,,और तभी
कहानी को समझने के लिए ,पिछले भाग ,अवश्य पढ़ें ,यह कहानी का भाग 5 रवीना ,,,इस वक्त बिल्कुल तैयार हो चुकी थी, घर से बाहर निकलने के लिए,, दिन का 1:00 बज रहा था,,, रेणुका ,,"कहां के लिए तैयार ...Read Moreरही हो रवीना ,इस भरी दोपहरी में,,,"" रवीना ,,"हां यार बस अपने बॉयफ्रेंड आशीष से मिलने जा रही हूं ,,,तू भी चल ,लंच बाहर ही करेंगे,,,"" रेणुका ,,"पर यार मैं तुम दोनों के बीच में क्या करूंगी, तुम दोनों भी बेवजह परेशान हो जाओगे मुझसे, और तुम दोनों की ढेरों पर्सनल बातें,,, रहने दो ,,तुम अकेली ही चली जाओ,,"" और