आंसू सूख गए - Novels
by LM Sharma
in
Hindi Short Stories
बात 1920 के दशक की है । उस समय जहां देखो वहीं गरीबी का आलम था। बहुत ही ऐसे कम परिवार थे जहां पर दो समय की रोटी आराम से मिलती हो । अधिकतर गरीबी से जूझ रहे थे। ...Read Moreऐसी ही परिस्थितियों में एक गरीब किसान के घर में पैदा हुआ, जहां पर कृषि योग्य भूमि तो थी परंतु कृषि उत्पाद बहुत कम था। परिवार में अधिक लोग होने के कारण खाने पीने की समस्या भी थी। वर्षा ठीक समय पर हो गई तो कृषि ठीक हो जाती थी । परंतु वर्षा के अभाव में केवल भुखमरी ही थी।
बात 1920 के दशक की है । उस समय जहां देखो वहीं गरीबी का आलम था। बहुत ही ऐसे कम परिवार थे जहां पर दो समय की रोटी आराम से मिलती हो । अधिकतर गरीबी से जूझ रहे थे। ...Read Moreऐसी ही परिस्थितियों में एक गरीब किसान के घर में पैदा हुआ, जहां पर कृषि योग्य भूमि तो थी परंतु कृषि उत्पाद बहुत कम था। परिवार में अधिक लोग होने के कारण खाने पीने की समस्या भी थी। वर्षा ठीक समय पर हो गई तो कृषि ठीक हो जाती थी । परंतु वर्षा के अभाव में केवल भुखमरी ही थी।
जीवन का अंत सुखद होना चाहिए, यदि जीवन का अंत सुखद नहीं है तो वह अन्त नहीं है । । जीवन में बहुत सारी त्रासदी होती हैं परंतु दूसरी तरफ यह भी सत्य है कि जीवन में प्रसन्नता का ...Read Moreकोई अभाव नहीं है। जीवन त्रासदी तथा प्रसन्नता दोनों का मिश्रण है। आपकी किस्मत में जो है वह मिल जाएगा। मेरा जीवन भी एक त्रासदी से भरा हुआ था। मैं एक गरीब परिवार में पैदा हुआ , जहां पर हर प्रकार की गरीबी थी। गरीबी इतनी थी कि दो समय की रोटी जुटाना भी कठिन था ।परिवार में चार बहन