Wo Bhag gai book and story is written by Rinky Jaiswal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Wo Bhag gai is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
वो भाग गई - Novels
by Rinky Jaiswal
in
Hindi Love Stories
"कृष! दीदी कहा है"
"मम्मी! दीदी नहाने गई है।"
"कब से नहा रही है। अभी तक आई नही, जाकर देख तो
क्या कर रही है"
"ठीक है मम्मी"
"दीदी! दीदी! कहा हो तुम, ( कमरे में कोई नही होता)
"मम्मी दीदी कमरे में नहीं है"
"अरे देख शायद छत पे गई होगी"
"नही मम्मी दीदी छत पे भी नही है"
"तो कहा गई गुड्डी"
( सभी ढूंढने लगते है, लेकिन कही भी गुड्डी नही मिलती, मिलेगी भी कैसे गुड्डी अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी, वो प्रेमी जो उस से लगभग १० वर्ष बड़ा था और गुड्डी सिर्फ १५ साल की)
दोनों की कहानी शुरू होती है, दिवाली के दिन से।
"कृष! दीदी कहा है" "मम्मी! दीदी नहाने गई है।""कब से नहा रही है। अभी तक आई नही, जाकर देख तो क्या कर रही है""ठीक है मम्मी" "दीदी! दीदी! कहा हो तुम, ( कमरे में कोई नही होता)"मम्मी दीदी कमरे ...Read Moreनहीं है" "अरे देख शायद छत पे गई होगी""नही मम्मी दीदी छत पे भी नही है" "तो कहा गई गुड्डी"( सभी ढूंढने लगते है, लेकिन कही भी गुड्डी नही मिलती, मिलेगी भी कैसे गुड्डी अपने प्रेमी के साथ भाग गई थी, वो प्रेमी जो उस से लगभग १० वर्ष बड़ा था और गुड्डी सिर्फ १५ साल की) दोनों की कहानी