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मेरी बेटी मिल गयी - Novels
by S Sinha
in
Hindi Moral Stories
रागिनी की नासमझी से विवाह के पहले ही वह प्रेग्नेंट हो गयी थी पर उसकी माँ को जैसे ही पता चला उसने रागिनी का कॉलेज जाना बंद कर दिया ….
रागिनी को बार बार मिचली आ रही थी, वह कुछ समझ नहीं पा रही थी कि ऐसा क्यों हो रहा है. उसने कोई बाहर का खाना पीना नहीं किया था. वह बार बार वाश बेसिन की ओर जा रही थी कि कहीं उल्टी न हो जाए. उस दिन गर्मी का एक दोपहर था. रागिनी का कॉलेज बंद था, अभी वह फर्स्ट ईयर में थी. उसकी माँ उषा आराम कर रही थी. उसे झपकी आ रही थी पर कुछ आहट सुन कर उसने पूछा “ रागिनी, क्या हो रहा है ? “
“ कुछ नहीं मम्मी. बहुत गर्मी है न इसलिए ऐसे ही कुछ मिचली लग रही थी, अब ठीक लग रहा है. “
“ मैंने तुम्हें कहा था न, इस मौसम में बाहर का चाट वाट नहीं खाया करो और तुम्हें अपनी जीभ पर कंट्रोल ही नहीं है. “
“ मम्मी एक सप्ताह से कॉलेज बंद है, मैं बाहर गयी ही नहीं हूँ. चाट कहाँ से खाऊँगी. कुछ नहीं है, तुम आराम करो. “
Part - 1 रागिनी की नासमझी से विवाह के पहले ही वह प्रेग्नेंट हो गयी थी पर उसकी माँ को जैसे ही पता चला उसने रागिनी का कॉलेज जाना बंद कर दिया …. रागिनी को बार बार मिचली आ ...Read Moreथी, वह कुछ समझ नहीं पा रही थी कि ऐसा क्यों हो रहा है. उसने कोई बाहर का खाना पीना नहीं किया था. वह बार बार वाश बेसिन की ओर जा रही थी कि कहीं उल्टी न हो जाए. उस दिन गर्मी का एक दोपहर था. रागिनी का कॉलेज बंद था, अभी वह फर्स्ट ईयर में थी. उसकी माँ उषा
Part - 2 पहले अंक में आपने पढ़ा था - रागिनी की नासमझी से विवाह के पहले ही वह प्रेग्नेंट हो गयी थी पर उसकी माँ ने उसका कॉलेज जाना बंद कर दिया था. अब आगे..... उस दिन रागिनी ...Read Moreखाना नहीं मिला. उषा ने फोन कर अपने बड़े भाई को बुलाया.अगले दिन उनका भाई आया और साथ में अपनी माँ यानि रागिनी की नानी को भी ले आया. उषा ने उन्हें सारी बातें विस्तार से बताई. नानी ने रागिनी का कमरा खुलवाया और कहा “ पहले इसे कुछ खाने पीने को दो. इसके साथ साथ इसकी कोख में पल
Last Part - 3 पहले अंक में आपने पढ़ा था - रागिनी की नासमझी से विवाह के पहले ही वह प्रेग्नेंट हो गयी थी पर उसकी माँ ने उसकी संतान को किसी अनाथालय में रख दिया था. इत्तफ़ाक़ से ...Read Moreसामना अपनी बच्ची से कम्पनी के मालिक के यहाँ होता है, अब आगे..... एक दिन किशोर की माँ ने बेटे से कहा “ मैं बूढ़ी हूँ, मेरा क्या ठिकाना. तुम शादी क्यों नहीं कर लेते हो ? जानते हो, बेटी को पालना अकेले बाप के लिए बहुत कठिन होता है. राधा जब बड़ी हो जाएगी तो उसकी मनोभावना और समस्या