Heer ranjha ki adhuri Prem kahani book and story is written by Akash Gupta in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Heer ranjha ki adhuri Prem kahani is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
हीर रांझा की एक अधूरी प्रेम कहानी - Novels
by Akash Gupta
in
Hindi Love Stories
"चेनाब नदी के किनारे एक खूबसूरत जगह है- तख़्त हजारा। यहाँ बहने वाली पानी की लहरें और बगीचे की खुशबू की वजह से इसे पूरब का स्वर्ग कहा जाता है। यही रांझाओं की धरती है जो मस्ती से यहाँ रहते हैं।
इस बस्ती के नौजवान खूबसूरत और बेपरवाह किस्म के हैं। वे कानों में बालियाँ पहनते हैं और कंधे पर नए शॉल रखते हैं। उनको अपनी खूबसूरती पर गर्व है और सभी इसमें एक-दूसरे को मात देते दिखते हैं।
इसी बस्ती का मुखिया था जमींदार मौजू चौधरी। वह आठ बेटे और दो बेटियों का बाप था। वह बहुत धनी और खुशहाल था और कुनबे में सभी उसका सम्मान करते थे। सभी बेटों में वह रांझा को सबसे ज़्यादा प्यार करता था। इस कारण रांझा के बाकी भाई उससे बहुत जलते थे।
बाप के डर से वे रांझा पर सीधे वार नहीं कर पाते थे लेकिन पीछे ताना मारते रहते थे जिससे रांझा के दिल को ऐसे चोट लगती थी जैसे सोये हुए आदमी को अंधेरे में सांप डंक मारता हो।
फिर एक अंधेरी रात ऐसी भी आई जब रांझा पर कयामत का कहर बरपा। उस रात उसका बाप मौजू चल बसा। रांझा के भाइयों और भौजाइयों ने उसपर अब खुलेआम बार-बार ताना कसना शुरू कर दिया।
वे रांझा को कहते, “आलसी बैठकर रोटी तोड़ता है और दो आदमी के बराबर दूध पी जाता है, वो भी मक्खन मार के।” भाइयों ने रांझा से छुटकारा पाने के लिए षडयंत्र करना शुरू कर दिया और एक योजना बनाई।"
"चेनाब नदी के किनारे एक खूबसूरत जगह है- तख़्त हजारा। यहाँ बहने वाली पानी की लहरें और बगीचे की खुशबू की वजह से इसे पूरब का स्वर्ग कहा जाता है। यही रांझाओं की धरती है जो मस्ती से यहाँ ...Read Moreहैं।इस बस्ती के नौजवान खूबसूरत और बेपरवाह किस्म के हैं। वे कानों में बालियाँ पहनते हैं और कंधे पर नए शॉल रखते हैं। उनको अपनी खूबसूरती पर गर्व है और सभी इसमें एक-दूसरे को मात देते दिखते हैं।इसी बस्ती का मुखिया था जमींदार मौजू चौधरी। वह आठ बेटे और दो बेटियों का बाप था। वह बहुत धनी और खुशहाल था
"साहिबा की बात सुनकर रांझा को बहुत गुस्सा आया और उसने जवाब दिया,”सही कहा गया है कि औरत दगाबाज़ होती है। तुम औरतों ने समस्या खड़ी की और मुझे मेरे भाइयों से अलग करवा दिया। मैं एक खुश जिंदगी ...Read Moreरहा था लेकिन तुम्हारी बुरी जुबान के कारण घर में झगड़े शुरू हुए। तुम औरतें मर्दों को उकसाती हो ताकि एक-दूसरे से लड़ पड़ें।”साहिबा ने उतनी ही तल्ख़ी से उलटकर कहा, “तुम बहुत ज़्यादा दूध और चावल खा रहे हो, इसलिए इतना घमंड दिखा रहे हो। एक तुम ही हो जो हमारे परिवार पर कलंक हो। अगर घर छोड़ दो
"इस तरह से रांझा तख़्त हजारा से चला गया। बहुत दूर चलने के बाद रांझा एक मस्जिद के पास पहुँचा जो मक्का और यरूशलम के मस्जिद जैसा ही खूबसूरत था। भूख और ठंड के मारे उसका बुरा हाल था ...Read Moreवह बहुत थका हुआ था। उसने अपनी बाँसुरी निकाली और बजाने लगा।उसके संगीत से आसपास जादू सा होने लगा। कुछ लोग सुनकर अपना होश खो बैठे और कुछ उसकी तरफ खिंचे चले आए। पूरा गाँव उसके आसपास जुट गया। अंत में मुल्ला आया जो झगड़ालू किस्म का था।रांझा को देखते ही वह कहने लगा, “लंबे बालों वाला यह काफिर कौन
"रांझा चलते-चलते चेनाब नदी के किनारे पहुँचा। दिन में तीसरे पहर जब सूरज पश्चिम दिशा में ढ़लने के लिए चल पड़ा, उस समय रांझा चेनाब नदी के किनारे खड़ा था। वहां कई और यात्री जमा थे जो नदी पार ...Read Moreवाले मांझी लुड्डन का इंतजार कर रहे थे।रांझा ने मांझी से कहा,’ऐ दोस्त, खुदा के लिए मुझे नदी पार करा दो।’ लुड्डन मांझी अपने तोंद पर हाथ फेरता हुआ हंसने लगा और उसका मजाक उड़ाते हुए बोला, ‘खुदा का प्यार हमारे लिए कोई मायने नहीं रखता। हम तो पैसे के लिए नदी में नाव चलाते हैं।’रांझा उससे गुजारिश करते हुए
"हीर जितनी खूबसूरत थी, उसकी सखियां उतनी ही हसीन थीं। दुनिया में शायद ही कोई नस्ल होगी जो खूबसूरती में सियालों के कुनबे की इन हसीनाओं का मुकाबला कर सकती थी।हीर को अपने हुस्न पर बड़ा नाज़ था। उसके ...Read Moreमें मोतियों से बनी झुमके चमक रहे थे। हीर का हुस्न अपने आप में कयामत की तरह था। उसको देखते ही लोग जमीं और जन्नत को भूल जाते थे।ओ कवि, तुम कैसे हीर के हुस्न का बखान करोगे? मुहब्बत से भरी उसकी आंखें जूही के फूल सी नर्म दिखती थी। उसके गाल गुलाब की पंखुरियों से कोमल थे। उसके होठों