OR

The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.

Matrubharti Loading...

Your daily story limit is finished please upgrade your plan
Yes
Matrubharti
  • English
    • English
    • हिंदी
    • ગુજરાતી
    • मराठी
    • தமிழ்
    • తెలుగు
    • বাংলা
    • മലയാളം
    • ಕನ್ನಡ
    • اُردُو
  • About Us
  • Books
      • Best Novels
      • New Released
      • Top Author
  • Videos
      • Motivational
      • Natak
      • Sangeet
      • Mushayra
      • Web Series
      • Short Film
  • Contest
  • Advertise
  • Subscription
  • Contact Us
Publish Free
  • Log In
Artboard

To read all the chapters,
Please Sign In

Married or Unmarried by Vaidehi Vatika | Read Hindi Best Novels and Download PDF

  1. Home
  2. Novels
  3. Hindi Novels
  4. मैरीड या अनमैरिड - Novels
मैरीड या अनमैरिड by Vaidehi Vatika in Hindi
Novels

मैरीड या अनमैरिड - Novels

by Vaidehi Vatika Matrubharti Verified in Hindi Love Stories

(24)
  • 8.1k

  • 17.1k

  • 2

दफ्तर की खिड़की से झाँकता हुआ सूरज ठीक मेरे सामने कुछ इस तरह आ गया मानों कह रहा हो अलविदा ! कल फिर आऊँगा । मैं टकटकी लगाए हुए डूबते सूरज को देखती रहीं । अस्त होता सूरज दिल ...Read Moreसूनापन भर देता हैं । धीरे - धीरे से सरकता हुआ सूरज पश्चिम दिशा में ऐसे दुबक गया मानो अपने घर चला गया हों । घर को जाते पँछी जब झुण्ड बनाकर आसमान में दिखते तो लगता मुझसें कह रहें हो तुम किसके साथ घर जाओगी ? घर सबकों जाना होता है फिर चाहें वो पँछी हो या सूरज ! मुझें सूरज का आना औऱ जाना दोनों पसन्द हैं क्योंकि सूरज अकेले ही आता हैं औऱ अकेले ही चला जाता हैं बिल्कुल मेरी तरह ! मुझें क़भी अपने सहकर्मियों को साथ आते जाते देखकर कोफ़्त नहीं हुई फिर आजकल क्यूँ मैं किसी लव बर्ड को देखकर चिढ़ने लगीं हुँ । जो जिंदगी मैं जी रहीं हुँ यहीं तो मेरा सपना था। फिर क्यों मन में वो संतोष नहीं हैं ?इस सफ़ल जिंदगी को जीने के लिए मैंने कितने पापड़ बेले थें ? कितनी ही इच्छाओं का गला घोंट दिया था ? मुझें तो प्यार औऱ शादी जैसे लफ़्ज़ से भी चिढ़ हुआ करतीं थीं । फिर अब क्यों मुझें किसी साथी की कमी महसूस होतीं हैं । मेरे दिल औऱ दिमाग के बीच द्वंद चलने लगा दिमाग कहता जो जिंदगी जी रहीं हो यह हर किसी को नसीब नहीं होतीं । आज यहाँ नहीं होती तो कहीं चूल्हा फूंक रहीं होतीं । इस पर दिल कहता इन सफलताओं औऱ महत्वकांक्षाओं की मंजिल क्या यह अकेलापन हीं थीं ? मन में आए विचारों के उफ़ान पर अंकुश मेरे बॉस की आवाज़ ने लगाया।

Read Full Story
Download on Mobile

मैरीड या अनमैरिड - Novels

मैरीड या अनमैरिड (भाग-1)
दफ्तर की खिड़की से झाँकता हुआ सूरज ठीक मेरे सामने कुछ इस तरह आ गया मानों कह रहा हो अलविदा ! कल फिर आऊँगा । मैं टकटकी लगाए हुए डूबते सूरज को देखती रहीं । अस्त होता सूरज दिल ...Read Moreसूनापन भर देता हैं । धीरे - धीरे से सरकता हुआ सूरज पश्चिम दिशा में ऐसे दुबक गया मानो अपने घर चला गया हों । घर को जाते पँछी जब झुण्ड बनाकर आसमान में दिखते तो लगता मुझसें कह रहें हो तुम किसके साथ घर जाओगी ? घर सबकों जाना होता है फिर चाहें वो पँछी हो या सूरज !
  • Read Free
मैरीड या अनमैरिड (भाग-2)
नई सुबह अपने साथ कितना कुछ लेकर आती हैं। नया दिन , नया उत्साह , नई उमंग , नई ताज़गी औऱ ख़ूब सारी सकारात्मक ऊर्जा ! मेरी बॉलकनी से पेड़ों की झुरमुट से झाँकता हुआ सुर्ख लाल सूरज ऐसा ...Read Moreरहा था मानो मुझसे कह रहा हो - गुड़ मॉर्निंग मालिनी ! मैं फिर आ गया अपना जादू का पिटारा लेकर । वाक़ई सूरज किसी जादूगर से कम नहीं होता हैं । एक तिलिस्म हैं सूरज के उगने औऱ ढलने में । सुबह का सूरज ऐसा होता हैं मानो कोई युवा अपने तेज़ से पूरे विश्व को जला देगा ।
  • Read Free
मैरीड या अनमैरिड (भाग -3)
अगली सुबह ही मैंने अपने बॉस को मेल किया औऱ एक सप्ताह की छुट्टी सेंशन करवा ली। मुझें सबसे ज़्यादा फिक्र बॉलकनी में रखे अपने पौधों की थीं जो मुझें अपनी जान से ज़्यादा प्यारे हैं । मैंने सभी ...Read Moreमें ड्रिप इरिगेशन मैथड अप्लाई कर दी ताकि सप्ताहभर गमलों की मिट्टी में नमी बनीं रहें । इसके बाद मैंने अपनी पैकिंग शुरू कर दी । कार्ड्स , मोबाईल चार्जर , मेडिसिन किट औऱ मेरी पसन्द के आउटफिट्स सारे ज़रूरी सामान रखने के बाद मैं नहाने चली गईं । सारा दिन मैंने ख़ुद के कामो में ही बिताया। रोजमर्रा के
  • Read Free
मैरीड या अनमैरिड - (भाग-4)
जिस तरह टेक ऑफ़ के समय ज़मीन से उठता हुआ प्लेन मेरे मन को रोमांचित कर रहा था ठीक उसी तरह टच डाउन के समय जब प्लेन के पहियों ने मेरे अपने शहर भोपाल की ज़मीन को छुआ तो ...Read Moreसरसरी सी तरंग किसी स्वर लहरी की माफ़िक मेरे शरीर में दौड़ने लगीं । औऱ जिसके यू दौड़ने से मेरे दिल के तार बज उठें थे। टच डाउन के समय लगा जैसे लौट आई हूँ अपने पुराने संसार में । अब यादों के गढ़े ख़ज़ाने को खोदूँगी औऱ अपने पुराने दिनों को फिर से जीभरकर जियूंगी । मैं अब राजाभोज
  • Read Free
मैरीड या अनमैरिड (भाग-5)
सुदर्शन अपने बारे में बता रहा था औऱ मैं अपने रूम की खिड़की से पश्चिम दिशा की औऱ सरकते सूरज को देख रहीं थीं। सुदर्शन के साथ हुई बातचीत से मुझें समझ आ गया था कि यह मेरे सपनों ...Read Moreराजकुमार नहीं हैं । सुदर्शन ने मेरे हाथ में सोने के कंगन को देखकर मुहँ को सिकोड़ते हुए कहा - " यू लाइक गोल्ड " ? मैंने कहा - " हाँ " पर ये कंगन मम्मी के हैं। हाऊ ओल्ड फ़ैशन ? इस बार तो सुदर्शन ने ऐसा मुहँ बनाया जैसे सोने के कंगन नहीं कोई बहुत ही बुरी सी
  • Read Free
मैरीड या अनमैरिड (भाग-6)
रात कितनी शांत औऱ रहस्यमयी सी होतीं हैं ?मानो काले घने अंधेरे में न जानें कितने ही राज छुपाए हुए हों ! या यूँ कहूँ की की अंधेरों को समेटे हुए यह रात एक सबक दे रहीं हो कि ...Read Moreन कर उम्मीद क़ायम रख , आशा की किरण लिए एक नई सुबह आएगी औऱ गम के काले घनघोर बादल छट जाएंगे ! आज मेरी आँखों में नींद का कतरा लेश मात्र भी न था। नींद आती भी तो कैसे ? मम्मी - पापा को तो मैंने समझा दिया था पर ख़ुद को कैसे समझाती ? काश हम ख़ुद को
  • Read Free
मैरीड या अनमैरिड (भाग-7)
यादों की किताब जब खुलती हैं तो उसके पन्नों से अक्सर ख़ुशनुमा लम्हों की महक आती हैं । हर पलटता हुआ पन्ना दिल को एक रूमानी अहसास से भर देता हैं । आनंद को गाता हुआ देखकर मैं अपने ...Read Moreमें खो गई । आनंद क्लास 10th में न्यू स्टूडेंट की तरह आया था पर उसके वाचाल औऱ मिलनसार स्वभाव के कारण चंद दिनों में ही वह लगभग आधी क्लास का दोस्त बन गया था। आनंद कभी कोई क्लास बंक नहीं करता । वह हमेशा फर्स्ट बेंच पर बैठना पसंद करता था औऱ इधर - उधर की बातों पर ध्यान
  • Read Free
मैरीड या अनमैरिड (भाग-8)
ज़िंदगी भी किसी किराये के मकान की तरह लगतीं हैं । कभी जिंदगी में ढ़ेर सारी खुशियाँ दबे पाँव दस्तक दे देतीं हैं तो कभी बिन बुलाए मेहमान की तरह गम आ जाता हैं । जिंदगी के इस मकान ...Read Moreरहने वाले ये किराएदार ख़ुशी और गम क़भी स्थायी नहीं रहतें । आनंद की आँखों के द्वार से होकर मैं उसके मन के उस कमर्रे तक पहुँच जाना चाहतीं थीं जहाँ उसने अपने गम दफ़न किए हुए थें । आनंद की आँखे अक्सर उसके मन की बात बयाँ कर देतीं थीं । जिन्हें पढ़कर मैं उसके दर्द बाँट लिया करती
  • Read Free
मैरीड या अनमैरिड (अंतिम भाग)
अरसे बाद मैं आनंद के घर के दरवाज़े पर खड़ी थीं। मैं पहले भी कई बार आनंद के घर आ चूँकि थीं। पर आज लग रहा था जैसे पहली बार किसी अजनबी के घर आई हूँ औऱ ताला खोलते ...Read Moreमेरे हाथ कुछ इस तरह से कांप रहें थे जैसे मैं कोई चौर हुँ। मैंने दरवाजा खोला तो मेरे आश्चर्य की कोई सीमा नहीं रहीं । आनंद ने अपने घर का पूरा इंटीरियर बदल दिया था। उसके घर का कोना - कोना इस तरह से सजा हुआ था जैसा मैं उसे बताया करती थीं। मैं अक्सर आनंद से अपनी चाहतों
  • Read Free

Best Hindi Stories | Hindi Books PDF | Hindi Love Stories | Vaidehi Vatika Books PDF Matrubharti Verified

More Interesting Options

  • Hindi Short Stories
  • Hindi Spiritual Stories
  • Hindi Fiction Stories
  • Hindi Motivational Stories
  • Hindi Classic Stories
  • Hindi Children Stories
  • Hindi Comedy stories
  • Hindi Magazine
  • Hindi Poems
  • Hindi Travel stories
  • Hindi Women Focused
  • Hindi Drama
  • Hindi Love Stories
  • Hindi Detective stories
  • Hindi Moral Stories
  • Hindi Adventure Stories
  • Hindi Human Science
  • Hindi Philosophy
  • Hindi Health
  • Hindi Biography
  • Hindi Cooking Recipe
  • Hindi Letter
  • Hindi Horror Stories
  • Hindi Film Reviews
  • Hindi Mythological Stories
  • Hindi Book Reviews
  • Hindi Thriller
  • Hindi Science-Fiction
  • Hindi Business
  • Hindi Sports
  • Hindi Animals
  • Hindi Astrology
  • Hindi Science
  • Hindi Anything

Best Novels of 2023

  • Best Novels of 2023
  • Best Novels of January 2023
  • Best Novels of February 2023
  • Best Novels of March 2023
  • Best Novels of April 2023

Best Novels of 2022

  • Best Novels of 2022
  • Best Novels of January 2022
  • Best Novels of February 2022
  • Best Novels of March 2022
  • Best Novels of April 2022
  • Best Novels of May 2022
  • Best Novels of June 2022
  • Best Novels of July 2022
  • Best Novels of August 2022
  • Best Novels of September 2022
  • Best Novels of October 2022
  • Best Novels of November 2022
  • Best Novels of December 2022

Best Novels of 2021

  • Best Novels of 2021
  • Best Novels of January 2021
  • Best Novels of February 2021
  • Best Novels of March 2021
  • Best Novels of April 2021
  • Best Novels of May 2021
  • Best Novels of June 2021
  • Best Novels of July 2021
  • Best Novels of August 2021
  • Best Novels of September 2021
  • Best Novels of October 2021
  • Best Novels of November 2021
  • Best Novels of December 2021
Vaidehi Vatika

Vaidehi Vatika Matrubharti Verified

Follow

Welcome

OR

Continue log in with

By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"

Verification


Download App

Get a link to download app

  • About Us
  • Team
  • Gallery
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Refund Policy
  • FAQ
  • Stories
  • Novels
  • Videos
  • Quotes
  • Authors
  • Short Videos
  • Free Poll Votes
  • Hindi
  • Gujarati
  • Marathi
  • English
  • Bengali
  • Malayalam
  • Tamil
  • Telugu

    Follow Us On:

    Download Our App :

Copyright © 2023,  Matrubharti Technologies Pvt. Ltd.   All Rights Reserved.