Purana Hand pump book and story is written by Vaidehi Vaishnav in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Purana Hand pump is also popular in Horror Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
पुराना हैंडपंप - Novels
by Vaidehi Vaishnav
in
Hindi Horror Stories
(कहानी व इसके पात्र पूरी तरह से काल्पनिक हैं
स्थान के नाम वास्तविक हैं जो सिर्फ कहानी को रोचक ढंग से प्रस्तुत करने के लिए लिये गए हैं )
बिहारी एक सीधा व सरल स्वभाव का इंसान हैं , जो पेशे से डॉक्टर हैं जिसकी नियुक्ति हाल ही में राजस्थान के एक गाँव चिताणुकलां में हुई हैं । उम्र यहीं कोई 30-32 होंगी । लक्ष्य प्राप्ति के जुनून के कारण अभी तक कुँवारे ही हैं। इसलिए उन्हें गाँव में रहने में रोज किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता । कभी समय पर भोजन नहीं बन पाता , कभी पीने का पानी खत्म हो जाता । ऐसी कई समस्याएं रोज की बात हो गई थीं । शहर में तो कई होटल- रेस्तरां देर रात तक खुले मिल जाते पर यहाँ तो सूर्यास्त के बाद ही सन्नाटा पसर जाता।
गाँव में एक बहुत ही पुराना हैंडपंप था , जो बिहारी के घर से कुछ ही दूरी पर था। बस एक यहीं हैंडपंप बिहारी के लिए सुलभ था जहाँ से उसके पीने के पानी की समस्या तुरन्त हल हो जाया करतीं थीं ।
बिहारी के अतिरिक्त ईक्केदुक्के लोग ही उस हैंडपंप से पानी लिया करते थे। वजह थीं हैंडपंप से जुड़ी एक कहानी जो भूत से सम्बंधित थीं ।
कई बार बिहारी जब पानी के लिए हैंडपंप पर जाता तो चौपाल पर बैठें सत्तू काका उसे वहाँ न जाने की हिदायत देते और कहते बेटा मेरे घर कुआं हैं वहाँ चले जाया करो थोड़ी ही दूर तो हैं ,फिर तुम ठहरे गबरू जवान तो कोई समस्या भी नहीं होंगी थोड़ा और चल लेने पर ।
(कहानी व इसके पात्र पूरी तरह से काल्पनिक हैं स्थान के नाम वास्तविक हैं जो सिर्फ कहानी को रोचक ढंग से प्रस्तुत करने के लिए लिये गए हैं ) बिहारी एक सीधा व सरल स्वभाव का इंसान हैं , ...Read Moreपेशे से डॉक्टर हैं जिसकी नियुक्ति हाल ही में राजस्थान के एक गाँव चिताणुकलां में हुई हैं । उम्र यहीं कोई 30-32 होंगी । लक्ष्य प्राप्ति के जुनून के कारण अभी तक कुँवारे ही हैं। इसलिए उन्हें गाँव में रहने में रोज किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता । कभी समय पर भोजन नहीं बन पाता , कभी
सत्यप्रकाश अपनी आप-बीती को मित्र के साथ साझा करने में सकुचा रहें थे । उन्हें पूरा भरोसा था कि उनकी बात पर सब उनका मख़ौल उड़ायेंगे । मन ही मन उन्होंने यह तय किया - नाहक ही हास्य का ...Read Moreबनने से अच्छा हैं अन्य किसी उपाय के माध्यम से इस पुराने हैंडपंप के गाँव से पिंड छुड़ाना होगा। अचानक तेजी से एक गेंद सत्तू काका के पास से गुजरी औऱ उनके विचारों की तंद्रा टूटी । वे अतीत की गहरी खाइयों से वर्तमान के धरातल पर आ पहुँचे । सूर्या हाथ में बल्ला लिए उनकी तरफ़ दौड़ता हुआ आ
बिहारी की गाड़ी तेज़ी से पेड़ से टकराई जिसके कारण तेज आवाज से आसपास के घरों के लोग जाग गए । बिखरुं जिसका मकान पेड़ के पास ही था , हड़बड़ी में घर से बाहर निकलकर आया। यहाँ -वहाँ ...Read Moreदौड़ाने पर बिहारी की कार पेड़ के पास दिखीं । वह अपने बेटों को आवाज लगाता हुआ दौड़ कर पेड़ के पास पहुँचा । हरिया ....लाला.... जल्दी आओ ... डॉक्टर बाबू की गाड़ी पेड़ से जा भिड़ी हैं ...जल्दी आओ... शोरगुल से बाक़ी घरों के भी किवाड़ खुलने लगे औऱ चंद मिनटों में ही गाँव वालों का हुजूम इकट्ठा हो