वेलेंटाइंस डे - Novels
by Vaidehi Vaishnav
in
Hindi Love Stories
साँझ ढलने को थीं। जाड़ो में दिन छोटे औऱ रात लंबी हो जाती हैं , उतनी ही लंबी जितनी ऑफिस से घर को जाती सड़क। दूधिया स्ट्रीट लाइट से रोशन होता शहर बेहद खूबसूरत लगता हैं। सत्रह किलोमीटर दूरी तय करके घर पहुँचकर ऐसा महसूस होता मानों ऑफिस से नहीं अंतरिक्ष की यात्रा करके लौटी हुँ। घर पहुँचते - पहुँचते रात गहरा जाती। कमरें में पसरा घुप्प अंधेरा ऐसा लगता मानों रात ने मेरे ही घर डेरा डाल रखा हों। मुझें बचपन से ही चांद - तारे बहुत पसंद हैं , इसलिए अपने शहर से रेडियम के चांद - तारे साथ ले आई थीं औऱ छत पर लगीं खूँटी पर कुछ इस तरह लगा दिये थे कि जब भी दरवाजा खोलों तो रोशनी की बूंदो से चमकते सितारे ऑफिस की सारी थकान छूमंतर कर दे। मैं दरवाज़े का ताला खोलकर सबसे पहले कमरे में टँगे टिमटिमाते चांद तारों को देखती फिर चारों ओर फैले अंधेरे को बत्ती जलाकर विदा कर देतीं।
साँझ ढलने को थीं। जाड़ो में दिन छोटे औऱ रात लंबी हो जाती हैं , उतनी ही लंबी जितनी ऑफिस से घर को जाती सड़क। दूधिया स्ट्रीट लाइट से रोशन होता शहर बेहद खूबसूरत लगता हैं। सत्रह किलोमीटर दूरी ...Read Moreकरके घर पहुँचकर ऐसा महसूस होता मानों ऑफिस से नहीं अंतरिक्ष की यात्रा करके लौटी हुँ। घर पहुँचते - पहुँचते रात गहरा जाती। कमरें में पसरा घुप्प अंधेरा ऐसा लगता मानों रात ने मेरे ही घर डेरा डाल रखा हों। मुझें बचपन से ही चांद - तारे बहुत पसंद हैं , इसलिए अपने शहर से रेडियम के चांद - तारे
अब तक आपने पढ़ा कि रघुबीर जब तिरंगे में लिपटे हुए आने की बात कहता है तो सिया रूठ जाती है और कहती है मुझसे इस तरह की बाते न किया करो।अब आगें....हँसते हुए रघुबीर ने कहा - बेवकूफ ...Read More! तुमसे समझदारी वाली बातों की उम्मीद में करता भी नहीं। तुम हमेशा ऐसे ही रहना सिया..तितलियों सी चंचल। मैं तुम्हें हँसते मुस्कुराते देखता हुँ तो सुकून मिलता हैं। वादा करो कभी इन आँखों से आँसू न बहने दोगी।मैंने चुटकी लेते हुए कहा - जो तुमको हो पसन्द वहीं बात करेंगे...यूं ही हँसते-मुस्कुराते हम घर तक आ गए। मैंने रघुबीर
अब तक आपने पढ़ा सिया रघुबीर के साथ वेलेंटाइन डे मनाने के लिए जाती है।अब आगें .....रघुबीर ने मजाकियां अंदाज़ में कहा - जहाँ मेरे दिल की मलिका जाना चाहें , वैसे हमने तो आज गुज़री महल जानें का ...Read Moreहैं।मैंने ख़ुश होकर कहा - वाह , प्रेम की निशानी !प्रेम की एक निशानी लाल गुलाब भी होता हैं , वो तो तुम्हें देना नहीं हैं - हँसकर रघुबीर ने मुझें देखते हुए कहा औऱ कार स्टार्ट कर दी।कार सुंदर रास्तों से होतीं हुई तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ रहीं थीं। रघुबीर अलग ही अंदाज़ में लग रहें थे। बातचीत
अब तक आपने पढ़ा रघुबीर सिया के सामने शादी का प्रस्ताव रखता है , जिसे सुनकर सिया बहुत खुश होती है। रघुबीर की छुट्टियां भी खत्म हो जाती है वह लौट जाता है अपनी भारत माता की सेवा के ...Read Moreआगें.....मुझें जब रघुबीर ने गले से लगाया तो मैं अपने आँसू रोक नहीं पाई। रघुबीर की नीली शर्ट मेरे आंसुओं से भीग गईं। खुद को संभालते हुए रघुबीर ने कहा - बेवकूफ लड़की ! अपना वादा याद रखना , इन आँखों से आँसू बहने न देना। अबकी बार जब आऊंगा तो घोड़ी पर बैठकर आऊंगा..तैयार रहना... मैं हल्का सा मुस्कुरा
अब तक आपने पढ़ा कि रघुबीर की पोस्टिंग जम्मू में हो जाती है। अब आगें.....जनवरी में रघुबीर की पोस्टिंग जम्मू हो गई। हम दोनों अपनी शादी के दिन गिनते। मैं रघुबीर से कहती अब तो एक महीना ही बचा ...Read Moreफिर भी दिन ऐसे जान पड़ते है जैसे दिन न हो आसमान के तारें हो गए ..गिनती खत्म ही नहीं होतीं । रघुबीर हंसकर कहते - हाँ क्योंकि तुम हो बेवकूफ लड़की ! तुम्हें गिनती आती भी हैं ..? मैंने भी मजाकिया अंदाज़ में अपनी एजुकेशन बता दी। अचानक रघबीर गम्भीर हो गए वो कहने लगें - सिया , मेरा
मेरी आँखों मे नींद की जगह असंख्य सपने थें। मैंने रात बारह बजे ही रघुबीर को मेसेज कर दिया - हैप्पी वेलेंटाइन्स डे माय लव ,माय वेलेंटाइन । इस बार लव नोट के साथ एक लाल गुलाब भी भेज ...Read Moreथा मैंने। रघुबीर का रिप्लाई आया - अरे वाह , इस बार तो सबसे पहले आपने विश करके बाज़ी मार ली। औऱ लाल गुलाब भी। लग रहा हैं कल बहुत कुछ ख़ास करने वाली हो। मैंने कहा - खास तो आप ख़ुद हैं , आप आओ तो सही.. इस बार आपकों मैं सैर करवाउंगी। रघुबीर ने कहा -अच्छा सिया ,