इश्क या कोई साया - Novels
by Meenakshi
in
Hindi Adventure Stories
तेज चलती हुई ट्रेन और उसके साथ हवा के झोंके हल्की -हल्की फुंवारनुमा मौसम, पहाड़ियों के मनोरम दृश्य और साथ ही मिट्टी की सौंधी- सौंधी महक जैसे उसे अपने आप में खो जाने को मजबूर कर रही थी। लेकिन ऐसा लग रहा था जैसे वह आनंद तो प्रकृति से प्राप्त कर रही है , लेकिन उसका मन कही और ही हिलोरे ले रहा था , क्योंकि वह हाथ में चाय का कप लिये , कभी उस कप की गर्मी को अंदर तक महसूस करती और बीच -बीच में आँखे बंद कर किसी का स्मरण कर रही थी।
उसके चेहरे के पल - पल बदलते भाव साफ बता रहे थे, वो हम सबके बीच होकर भी नहीं है , मैं भी बहुत देर तक उसकी इन अदाओं को देखते रही और यह सोचकर मुस्कुराने लगी कि इतनी दिनभर की थकावट के बाद चलों किसी बहाने ही सही चेहरे पर मुस्कुराहट तो आई।
तेज चलती हुई ट्रेन और उसके साथ हवा के झोंके हल्की -हल्की फुंवारनुमा मौसम, पहाड़ियों के मनोरम दृश्य और साथ ही मिट्टी की सौंधी- सौंधी महक जैसे उसे अपने आप में खो जाने को मजबूर कर रही थी। लेकिन ...Read Moreलग रहा था जैसे वह आनंद तो प्रकृति से प्राप्त कर रही है , लेकिन उसका मन कही और ही हिलोरे ले रहा था , क्योंकि वह हाथ में चाय का कप लिये , कभी उस कप की गर्मी को अंदर तक महसूस करती और बीच -बीच में आँखे बंद कर किसी का स्मरण कर रही थी।उसके चेहरे के पल
पिछले भाग में हमने देखा कि किस तरह सौरभ, मिनाली और लीजा से हंसी मजाक कर रहा था। और उनकी कैमरे में फोटो खींचने की कोशिश कर रहा था, और मिनाली के हाथ में कोई एक स्टेच्यू कप के ...Read Moreघुमते हुये कुछ दिखाई दे रहा था, लेकिन क्या???अब आगे......हेलो.....मेमसाहब आप लोग आजकल कहाँ रिसर्च कर रहे हों।आखिर कौन सी जगह है वो??ऐसा सुनने में आया कि वह जग्ह पहले पानी में डुबी हुई थी। और अभी कुछ दिन पहले उभरकर सामने आई है। क्या हमारी टिम उसी जगह काम करने आई है। एक रसोइयाँ के इतने सारे सवाल सुनकर
पिछले भाग में हमने देखा कि रसोइयां की बात सुनकर लीजा और मिनाली हैरान हो गई थी, और वही सौरभ अपने कैमरे का कुछ रहस्य उनको बता रहा था।अब आगे....सौरभ ने बड़े ही चालाकी से अपना कैमरा निकाला और ...Read Moreही पहले लीजा को सख्त हिदायत दी। याद रखना यह गवर्नमेंट प्रॉपर्टी है, इसमें छेड़ - छाड़ कानूनी जुर्म भी हो सकता है,,,क्योंकि अभी जिस फोटो को आप देख रहे हो, वह एक वीडियो रिकॉर्डिंग है, और कैमरे की इंटरनल मेमोरी में सेट है।क्योंकि इसके लिये भी मुझे आदेश था , आदेश कैसा आदेश ???? लीजा ने चौंकते
पिछले भाग में हमने देखा कि कुछ लीजा रहस्यमय कैमरे के बारे में जानना चाहती है, और वही उसे सौरभ का छुअन भी अपनी और आकर्षित कर रहा था।अब आगे....दूसरे दिन लीजा ने मिनाली को कल शाम हुई सारी ...Read Moreका संपूर्ण वर्णन सुनाया। और सौरभ के साथ हुआ पहला टचमेंट और उसका मिला जुला प्रभाव वह मिनाली को सुना रही थी।मिनाली मंद मंद मुस्कुराते हुये उसकी बात सुन रही थी। तभी आस-पास बैठे हुये, जहाँ उस सीट पर कोई और नहीं बैठा था। सिर्फ मिनाली और लीजा ही बैठे थे , लीजा अपनी बात सुनाने में व्यस्त थी।तभी मिनाली
पिछले भाग में हमने पढा कि मिनाली, सौरभ की बाते लीजा से पूछती हैं,, और इसी बात को लेकर वो लीजा को छेड़ती भी है। लेकिन इन सबके बीच रह रह उस रसोइए की बात उन दोनों को याद ...Read Moreहैं।अब आगे....मिनाली अच्छे से जानती थी कि ऐसे ही किसी खोज के दौरान हम्पी सर ने एक बार अपना मानसिक संतुलन भी खो दिया। और फिर बड़ी मुश्किल से उन्हें वहाँ की स्थानीय प्रजाति ने ठीक किया। इसके पहले वह खुद इन सब चीजों को नहीं मानते थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने उसी अनुभव को लेकर अनेकों किताब लिखी।हम्पी सर
पिछले भाग में हमने पढा कि सौरभ, मिनाली और लीजा तीनो बाते करते है, तभी अचानक सौरभ की नाक से खून बहने लगता और वो कैमरा लीजा के हाथ में देकर वही गिरकर अचेत हो जाता हैं।अब आगे....पुरातत्व विभाग ...Read Moreहेड क्वाटर में मची हुई हलचल यह साफ दर्शा रही थी, कि अवश्य ही किसी अप्रत्याशित घटना की पुष्टि हुई है । वरना यूँ हि शुभम राज आचार्य का आगमन नहीं होता, क्योंकि उनका आना यही सिद्ध करता है कि कहीं न कहीं विज्ञान और चमत्कार आपस में टकराहट की स्थिति में है। और शायद इसीलिये शुभम राज आचार्य जी
पिछले भाग में हमने देखा कि जब लीजा, सौरभ से मिलने हॉस्पिटल जाती हैं,,सौरभ का अचानक इस तरह का व्यवहार देख रूम से बाहर आकर रोने लगती हैं।अब आगे.... सौरभ से हॉस्पिटल में मिलने के बाद जब लीजा वहां ...Read Moreबाहर आती हैं ! तब राकेश सर लीजा को वहां से वापस लौट जाने का कहते है, और ये भी कहते है कि लीजा अभी तुम जिनसे मिली हो, शायद वो सौरभ नही।सौरभ नही?? मतलब क्या कहना चाहते हों सर आप??मैं कुछ समझी नही।यदि वह सौरभ नहीं तो कौन है सर?? सौरभ मेरे सामने ही तो बेहोश होकर गिरा था। वह कह रहा
पिछले भाग में हमने पढ़ा कि, सब लोग कॉन्फ्रेंस रूम में मीटिंग के लिए जाते हैं। और शुभम आचार्य सर जो कि लीजा और मिनाली को फ्रंट सीट पर बैठने के लिए कहते हैं।लेकिन क्यों ये कोई नहीं जानता।अब ...Read Moreऔर लीजा ने कॉन्फ्रेंस में इतनी बात जानी जिन्हें आजतक उन्होंने कभी सुना और न ही कभी सपने में भी सोचा था, कि वे दोनों शांतिपूर्वक सब बातों को सुनते रहे। बिना किसी प्रतिक्रिया के मात्र यस सर का जवाब देकर फिर से अपने रूम में आकर बैठ गए। चूंकि यह गेस्ट हाऊस पुरातत्व विभाग के विशिष्ट अतिथियों और सीनियर
पिछले भाग में हमने देखा कि कॉन्फ्रेंस हॉल में हुई मीटिंग खत्म होने के बाद में मिनाली और लीजा दोनों से मीटिंग के बारे में बात करते हैं। लेकिन मिनाली अपने आप को उस मीटिंग में हुई बातों से ...Read Moreरखती हैं, लेकिन वही लीजा सौरभ के बारे में ही सोचते रहती है। अब आगे....लीजा अपने कमरे मैं बैठी सौरभ के बारे में ही सोचे जा रही थी।वह खुद भी नहीं समझ पा रही थी कि कहीं उसे सौरभ से प्यार तो नहीं हो गया?? या यह उसका वहम हैं? यह सोचते हुए लीजा तुरंत उठी और सौरभ के कैमरे
पिछले भाग में हमने दिखा कि, लीजा सौरभ के बारे में सोचते रहती है । और एक अनजानी शक्ति या खुद सौरभ लीजा के करीब आता हैं।अब आगे.....मिनाली की कितनी ही आवाजों के बाद लीजा की आँखें खुली और ...Read Moreजैसे ही मिनाली को देखा तो सकपकाते हुए चोर भरी निगाहों से, मिनाली तुम यहाँ कब आई ?? और कैसे के साथ प्रश्न वाचक भाव से वह मिनाली को देखने लगी। लेकिन ठिक इसके विपरित मिनाली के चेहरे पर उठने वाले भाव ने उसे आशंकित कर दिया?? मिनाली मन ही मन सोचने लगी की आखिर लीजा की ये हालात कैसे
पिछले भाग में हमने दिखा कि,शुभम आचार्य सर टीम के सारे मेंबर के साथ और लीजा को लेकर किसी स्थान पर निकल पड़ते हैं, लेकिन कहां??अब आगे.....डायनिंग हॉल मे सबसे पहले शुभम आचार्य सर और मिस्टर रावत दोनों ही ...Read Moreचुके थे। और आपस में कोई गहन वार्ता में व्यस्त थे। चाय की चुस्कीयों के साथ वो कैमरे की ओर इशारा कर कुछ बातें कर रहे थे कि, आखिर कैमरे से कब कब और किस प्रकार की तस्वीर ली गई होगी। क्योंकि इस समस्त परेशानी की जड़ वो कैमरा ही था। अब मिस्टर रावत और शुभम आचार्य सर के सामने
पिछले बाद में हमने देखा कि, किस तरह आचार्य सर अपनी टीम के द्वारा हुबहू जो सौरभ के कैमरे में कैद हुआ था। वैसा ही एक आर्टिफिशियल झील झरने बनाने के लिए कहते हैं। और वहां अपनी टीम के ...Read Moreनिकल जाते हैं।अब आगे....लीजा...... लीजा......लीजा आँखे खोलो। आवाज सुन जब लीजा ने आँखे खोली तो सामने मिनाली और सौरभ उसे आवाज देते दिखाई दिये। लीजा ने अपनी पूर्ण संतुष्टि के लिये एक बार आँखों को मलकर पुनः देखा और जब उसे यकीन हो गया तो वह उठ बैठी।सौरभ तुम यहां?? ठीक हो गए??? लेकिन मैं यहां??? हॉस्पिटल में कैसे क्या
पिछले भाग में हमने देखा, कि लीजा को होश आने पर वह अपने सामने सौरभ को पाती है। और सौरभ और लीजा एक दूसरे से उस दिन उस कमरे में हुई बात का जिक्र करते हैं। लेकिन आचार्य सर ...Read Moreसब बातों से फिर भी चिंतित रहते हैं। अब आगे....प्यार एक खूबसूरत एहसास है। बिना प्यार के प्यार किसी भी रिश्ते को नीरस और बेजान बना सकता है....हैं ना सौरभ,,,,, कहते हुए लीजा सौरभ के कंधे पर सर रखकर बैठ गई।लीजा सौरभ से कहने लगी तुमने हनीमुन की प्लानिंग कब कर ली थी। मुझे इसकी भनक तक नहीं लगने दी।सौरभ
पिछले भाग में हमने देखा, कि सौरभ और लीजा की शादी के बाद सौरभ हनीमुन के लिए लीजा की फेवरेट जगह गोवा का टिकट बुक करता है। लीजा वहां जाकर बहुत खुश होती हैं। लेकिन उसे किसी साया का ...Read Moreएहसास होता है। अब आगे...... लीजा और सौरभ दोनों ही होटल के कमरे में पहुंचते हैं। लीजा कमरे का माहौल देखकर बिल्कुल हैरान सी हो जाती है। वो सौरभ से कहती हैं, सौरभ तुमने इतना अच्छा रूम कब डेकोरेट किया?? तभी सौरभ, लीजा से कहता है कि मैंने सुबह ही होटल के मैनेजर को बोल कर अपना अपने रूम को
पिछले भाग में हमने देखा की लीजा और सौरभ हनीमून के लिए गोवा जाते हैं। वहां उनका हर एक पल बहुत रोमांटिक सा होता है।अब आगे.....लीजा और सौरभ शादी के बाद एक सुखमय जीवन बिताते। इसके साथ ही सौरभ ...Read Moreही रोमांटिक एवम लीजा से बहुत प्यार करता, और वहीं लीजा भी सौरभ से उतना ही प्यार करती। लीजा और सौरभ की शादी को एक महीने पूरा होने पर दोनों ने तय किया कि उन्हें अपने रिसर्च वर्क पर लौट जाना चाहिए। और वे दोनों अपने अपने रिसर्च के काम पर पुनः लौट जाते। उधर मिनाली,,, लीजा और सौरभ को