I am steel waiting for you, Shachi book and story is written by Rashmi Ravija in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. I am steel waiting for you, Shachi is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
आयम स्टिल वेटिंग फ़ॉर यू, शची - Novels
by Rashmi Ravija
in
Hindi Fiction Stories
ओफ्फ़! कल शाम ही तो वह यहाँ आया है. पर ऐसा लग रहा है मानो हफ़्तों से नज़रबंद है यहाँ. कैसे रह पाते हैं लोग, भला इन छोटे कस्बों में? ठीक है पहले यहाँ एक आदिम बस्ती थी. पर अब तो काफी विकास हो चुका है. कहने को कॉलेज हैं, अस्पताल है, बैंक हैं, सरकारी कार्यालय हैं, पर सब जैसे चींटी की रफ़्तार से चल रहें हों. महानगरों की दौड़ती भागती ज़िन्दगी का आदी अभिषेक, तालमेल नहीं बिठा पा रहा था इस ऊंघते कस्बे के जनजीवन से बुरी तरह झुंझला उठा था. वह भी एक ही पागल है, क्या जरूरत थी उसे, यहाँ आकर यह सब भोगने की. अभी तो पूरे दो दिन बाकी हैं, लौटने में. अल्लाह ही मालिक है अब.
ओफ्फ़! कल शाम ही तो वह यहाँ आया है. पर ऐसा लग रहा है मानो हफ़्तों से नज़रबंद है यहाँ. कैसे रह पाते हैं लोग, भला इन छोटे कस्बों में? ठीक है पहले यहाँ एक आदिम बस्ती थी. पर ...Read Moreतो काफी विकास हो चुका है. कहने को कॉलेज हैं, अस्पताल है, बैंक हैं, सरकारी कार्यालय हैं, पर सब जैसे चींटी की रफ़्तार से चल रहें हों. महानगरों की दौड़ती भागती ज़िन्दगी का आदी अभिषेक, तालमेल नहीं बिठा पा रहा था इस ऊंघते कस्बे के जनजीवन से बुरी तरह झुंझला उठा था. वह भी एक ही पागल है, क्या जरूरत थी उसे, यहाँ आकर यह सब भोगने की. अभी तो पूरे दो दिन बाकी हैं, लौटने में. अल्लाह ही मालिक है अब.
अभिषेक, एक पत्रिका में कोई रिपोर्ट लिखने के उद्देश्य से एक कस्बे में आता है. पर वहाँ की धीमी गति से गुजरते जन जीवन से एक दिन में ही बहुत ऊब जाता है. तभी एक दुकान पर उसे एक ...Read Moreकंठ सुनायी देता है. वह चेहरा नहीं देख पाता. उसे शची की आवाज़ लगती है और वह परेशान हो उठता है. अपने गेस्ट हाउस में लौट वह पुरानी यादों में खो जाता है कि कैसे कॉलेज में भी शची कि आवाज सुन चौंक गया था, वह.
अभिषेक, एक पत्रिका में कोई रिपोर्ट लिखने के उद्देश्य से एक कस्बे में आता है. पर वहाँ की धीमी गति से गुजरते जन जीवन से एक दिन में ही बहुत ऊब जाता है. तभी एक दुकान पर उसे एक ...Read Moreकंठ सुनायी देता है. वह चेहरा नहीं देख पाता. उसे शची की आवाज़ लगती है और वह परेशान हो उठता है. अपने गेस्ट हाउस में लौट वह पुरानी यादों में खो जाता है कि शची नयी नयी कॉलेज में आई थी. आते ही लोकप्रिय हो गए थी. मनीष उसे शची का नाम ले छेड़ने लगा था. जब उसने उसे उल्टा ही चिढाया तो मनीष ने बताया कि वह उसे राखी बाँध चुकी है और माँ को बचपन में ही खोकर बिलकुल अकेली है
अभिषेक, एक पत्रिका में कोई रिपोर्ट लिखने के उद्देश्य से एक कस्बे में आता है. वहाँ एक दुकान पर उसे एक नारी कंठ सुनायी देता है. वह चेहरा नहीं देख पाता. उसे शची की आवाज़ लगती है और वह ...Read Moreहो उठता है. अपने गेस्ट हाउस में लौट वह पुरानी यादों में खो जाता है कि शची नयी नयी कॉलेज में आई थी.. मनीष उसे शची का नाम ले छेड़ने लगा था. पर वह अपने मन को नहीं समझ पा रहा था. पर जब शची ने स्टेज पर आँखें उठाकर कुछ ऐसी नज़रों से देखा कि उसने बहुत कुछ पढ़ लिया उसकी आँखों में.
अभिषेक, एक पत्रिका में कोई रिपोर्ट लिखने के उद्देश्य से एक कस्बे में आता है. वहाँ एक दुकान पर उसे एक नारी कंठ सुनायी देता है. वह चेहरा नहीं देख पाता. उसे शची की आवाज़ लगती है और वह ...Read Moreहो उठता है. अपने गेस्ट हाउस में लौट वह पुरानी यादों में खो जाता है कि शची नयी नयी कॉलेज में आई थी.. मनीष उसे शची का नाम ले छेड़ने लगा था. पर वह अपने मन को नहीं समझ पा रहा था. पर जब शची ने स्टेज पर आँखें उठाकर कुछ ऐसी नज़रों से देखा कि उसने बहुत कुछ पढ़ लिया उसकी आँखों में.