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એક ષડયંત્ર... By Mittal Shah

નમસ્કાર વાચક મિત્રો,
આપના મળેલા પ્રેમ બદલ હું ખૂબ ખૂબ આભારી છું. આ વખતે હું એક નવી નવલકથા લઈ તમારી સમક્ષ ઉપસ્થિત થઈ છું. જો કે મેં તો દર વખતે મારી નવલકથા રહસ્યમય કથા કે સામાજિક કે...

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ચલતે ચલતે યુંહી કોઈ મિલ ગયા By raval uma shbad syahi

પ્રસ્તાવના                 
ॐ गंग गणपतयै नमः।               
श्री कुलदेवी मातायै नमः।
નમસ્તે મિત્રો.સ્વાગત છે આપનું મારી નવલકથામાં.આ નવલકથા સંપૂર્ણપણે પારિવારિક ,સામાજિક અને સ્...

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इतना तो चलता है By Komal Mehta

आज की कविता का टॉपिक थोड़ा सा नाजुक है, ये औरत के लिए है जिन्हे अक्सर ये समझाया जाता है की इतना तो चलता है।

एक औरत एक लड़की ने नई जॉब ली है, यहां उसके लिए तो पूरा ऑफिस स्टाफ उसक...

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बलात्कार By Ankush Shingade

बलात्कार ही समाजजीवनाला लागलेली कीडच. या किडीचा प्रादुर्भाव होवून समाज पोखरत जात असतो. मग सर्वत्र या किडीबद्दल भयावह वातावरण निर्माण होवू शकतं. मग त्या शाळा असो, घर असो वा एखादं सा...

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सेकेण्ड वाइफ़ By Pradeep Shrivastava

नवंबर का दूसरा सप्ताह बस जाने ही वाला था। मौसम बहुत सुहावना हो रहा था। लेकिन मेरा मन बड़ा अशांत था। थका-थका सा, अपना स्ट्रॉली बैग खींचता हुआ ट्रेन की एक बोगी में चढ़ गया। कई सीटों पर...

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पश्चाताप.. By Ankush Shingade

'पश्चाताप' ही माझी सत्यान्नववी पुस्तक. एका कादंबरीच्या रुपानं ही पुस्तक वाचक वर्गापर्यंत पोहोचवतांना तेवढा आनंद नाही. कारण ही पुस्तक पाहिजे त्या प्रमाणात सरस बनली नसेल, असं...

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नुसरत By Pradeep Shrivastava

नुसरत मिठाई का डिब्बा लिए हुए के.पी. साहब के चैंबर के सामने पहुँची। अर्दली कुर्सी पर बैठा मोबाईल में व्यस्त था। नुसरत ने उससे पूछा, “साहब बैठे हैं क्या?”

अर्दली ने एक दृष्टि मि...

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लागा चुनरी में दाग By Saroj Verma

शहर का सबसे बड़ा वृद्धाश्रम जिसका नाम कुटुम्ब है,जहाँ बहुत से वृद्धजन रहते हैं,उनमें महिलाएंँ और पुरुष दोनों ही शामिल हैं,सभी हँसी खुशी उस आश्रम में रहते हैं,किसी वृद्ध महिला को उसक...

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આત્મજા By Mausam

" નહીં..નહીં..! મારે હોસ્પિટલ નથી જવું. ના..મને હોસ્પિટલ ન લઈ જા...પ્લીઝ પ્રદીપ..! તમે તો મને સમજવાની કોશિશ કરો..!" બેડરૂમના એક ખૂણે ટૂંટિયુંવાળીને બેઠેલી નંદિની રડે જતી હત...

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रिश्तो की कश्मकश By Naaz Zehra

जल्दी करो बहुत देर हो रही है पाता नहीं सुबह से क्या कर रहे थे जो अब इतना समय लग रहा है अरे आज ही हमें बारात लेकर निकलना है,,, और कितना समय लगाओगे जल्दी करो सुबह समझा रहीं हूं अपनी...

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એક ષડયંત્ર... By Mittal Shah

નમસ્કાર વાચક મિત્રો,
આપના મળેલા પ્રેમ બદલ હું ખૂબ ખૂબ આભારી છું. આ વખતે હું એક નવી નવલકથા લઈ તમારી સમક્ષ ઉપસ્થિત થઈ છું. જો કે મેં તો દર વખતે મારી નવલકથા રહસ્યમય કથા કે સામાજિક કે...

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ચલતે ચલતે યુંહી કોઈ મિલ ગયા By raval uma shbad syahi

પ્રસ્તાવના                 
ॐ गंग गणपतयै नमः।               
श्री कुलदेवी मातायै नमः।
નમસ્તે મિત્રો.સ્વાગત છે આપનું મારી નવલકથામાં.આ નવલકથા સંપૂર્ણપણે પારિવારિક ,સામાજિક અને સ્...

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इतना तो चलता है By Komal Mehta

आज की कविता का टॉपिक थोड़ा सा नाजुक है, ये औरत के लिए है जिन्हे अक्सर ये समझाया जाता है की इतना तो चलता है।

एक औरत एक लड़की ने नई जॉब ली है, यहां उसके लिए तो पूरा ऑफिस स्टाफ उसक...

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बलात्कार By Ankush Shingade

बलात्कार ही समाजजीवनाला लागलेली कीडच. या किडीचा प्रादुर्भाव होवून समाज पोखरत जात असतो. मग सर्वत्र या किडीबद्दल भयावह वातावरण निर्माण होवू शकतं. मग त्या शाळा असो, घर असो वा एखादं सा...

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सेकेण्ड वाइफ़ By Pradeep Shrivastava

नवंबर का दूसरा सप्ताह बस जाने ही वाला था। मौसम बहुत सुहावना हो रहा था। लेकिन मेरा मन बड़ा अशांत था। थका-थका सा, अपना स्ट्रॉली बैग खींचता हुआ ट्रेन की एक बोगी में चढ़ गया। कई सीटों पर...

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पश्चाताप.. By Ankush Shingade

'पश्चाताप' ही माझी सत्यान्नववी पुस्तक. एका कादंबरीच्या रुपानं ही पुस्तक वाचक वर्गापर्यंत पोहोचवतांना तेवढा आनंद नाही. कारण ही पुस्तक पाहिजे त्या प्रमाणात सरस बनली नसेल, असं...

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नुसरत By Pradeep Shrivastava

नुसरत मिठाई का डिब्बा लिए हुए के.पी. साहब के चैंबर के सामने पहुँची। अर्दली कुर्सी पर बैठा मोबाईल में व्यस्त था। नुसरत ने उससे पूछा, “साहब बैठे हैं क्या?”

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लागा चुनरी में दाग By Saroj Verma

शहर का सबसे बड़ा वृद्धाश्रम जिसका नाम कुटुम्ब है,जहाँ बहुत से वृद्धजन रहते हैं,उनमें महिलाएंँ और पुरुष दोनों ही शामिल हैं,सभी हँसी खुशी उस आश्रम में रहते हैं,किसी वृद्ध महिला को उसक...

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આત્મજા By Mausam

" નહીં..નહીં..! મારે હોસ્પિટલ નથી જવું. ના..મને હોસ્પિટલ ન લઈ જા...પ્લીઝ પ્રદીપ..! તમે તો મને સમજવાની કોશિશ કરો..!" બેડરૂમના એક ખૂણે ટૂંટિયુંવાળીને બેઠેલી નંદિની રડે જતી હત...

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रिश्तो की कश्मकश By Naaz Zehra

जल्दी करो बहुत देर हो रही है पाता नहीं सुबह से क्या कर रहे थे जो अब इतना समय लग रहा है अरे आज ही हमें बारात लेकर निकलना है,,, और कितना समय लगाओगे जल्दी करो सुबह समझा रहीं हूं अपनी...

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