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मै एक छोटा सा लेखक हूं,मैंने अभी लिखना शुरू किया है वर्तमान में पोलिटिकल साइंस से MA कर रहा हूं .साथ ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी कर रहा हूं.मुझे पढ़ने व लिखने का बहुत शौक है इसलिए मैं इस एप्प से जुड़ा
मैं तो तेरे प्यार का प्यासा हूं तुम न मिली तो मैं मर जाऊंगा कुछ देर बैठ पास मेरे कुछ देर बाद मैं चला जाऊंगा ये हुस्न एक ढल जायेगा फिर मैं भी तुमसे बिछड़ जाऊंगा -Prahlad Pk Verma
तुम मोहब्बत की बात करते हो... हम तो उसकी दोस्ती से ही खुश हैं... -Prahlad Pk Verma
दुःख इस बात का नही है कि मैंने गलतियां की दुःख इस बात है कि मैंने गलतियों से कुछ सीखा नहीं हर बार मैं गलतियां करता गया बचपन से लेकर आज तक स्कूल से लेकर कॉलेज तक दोस्त से लेकर प्यार तक लवर से लेकर दोस्त तक दोस्त से लेकर दुश्मन तक शौक से लेकर नशे तक भूत से लेकर वर्तमान तक रास्ते से लेकर वीरान तक मैंने हर बार गलती ,हर बार गलत फैसले लिए मगर मैंने हर बार लास्ट गलती समझ आगे बढ़ गया इस आगे बढ़ने के बीच में मैंने फिर से गलतियां की लेकिन इस बात से खुश हूं कि मैं कभी हारा नहीं हर बार बेहतर प्रयास करता रहा आज भी बेहतर की तलाश में आगे बढ़ रहा हूं मिलेगी मंजिल विश्वाश हैं मुझे खुद पर विश्वास हैं
मैं निशब्द से सुशांत न हो जाऊं मैं तेरे इश्क में बर्बाद न हो जाऊं तुम निभाना साथ मेरा मैं तेरे इश्क में कहीं बदनाम न हो जाऊं -Prahlad Pk Verma
वो शख्स बहुत प्यारा है मगर वो हमारा नही.... -Prahlad Pk Verma
कोई मायने नहीं रखता है कि व्यक्ति कैसा है,उसके मन में क्या मायने ये रखता हैं कि उसका रिश्ता आपके साथ कैसा है,वो आपकी कितनी रेस्पेक्ट हैं ,एहतराम करता हैं,उसके मन में क्या फीलिंग्स हैं इससे फर्क नहीं पड़ता,फर्क इससे पड़ता है कि आपको क्या सलाह देता,आपके साथ कैसा है,आपकी कितनी इज्जत करता हैं,आप उसके साथ कितने सिक्योर हों व्यक्ति बुरा हो सकता है मगर वो आपके साथ अच्छा हैं तो वो अच्छा है, तुम्हारे लिए है besttiii -Prahlad Pk Verma
मुहब्बत करते हैं आपसे एतराम के साथ... प्यार करते हैं आपसे विश्वाश के साथ... तुम मेरी प्यारी मुस्कान हों, खुशी का राज हों इजहार करते हैं आपसे विवाह रस्म के साथ... -Prahlad Pk Verma
ऐं खुदा मुझे उसे भुलाने की शक्ति दे दे ... उसे मैं भुला नहीं पा रहा हूं तू कुछ वजह दे दे... मैंने उसे पाने के लिए किसी दूसरे सख्श का बहुत दिल दुखाया है मुझे भी तू दिल तोड़ने की कुछ सजा दे दे .. निशब्द -Prahlad Pk Verma
आज तक मैने चाय के कप में चाय का एक घूट तक नही छोड़ा तेरा साथ कैसे छोड़ देता... तुमने हाथ दोस्ती का बढ़ाया ही नहीं मैं तेरे लिए सब कुछ छोड़ देता... तुम एक दफा आवाज दे कर तो देखते मुझे मैं तेरे लिए दुख से भी रिश्ता जोड़ लेता... -Prahlad Pk Verma
एक रास्ता है जिसे मैं छोड़ना चाहता हूं एक लड़की हैं जिसे मैं भूलना चाहता हूं एक आदत है जिसे मैं त्यागना चाहता हूं एक दोस्त है जिससे रिश्ता तोड़ना चाहता हूं एक शख्स है जिससे रिश्ता निभाना चाहता हूं एक लड़की हैं जिसके लिए सब कुछ पाना चाहता हूं एक शख्स है जिसको रुलाना चाहता हूं एक शक्स हैं जिसे भुलाना चाहता हूं मैं जैसा भी हूं बस खुद को आजमाना चाहता हूं -Prahlad Pk Verma
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