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#हम मनमौजी थे हम मनमौजी थे मन की मौज करते थे जो चाहते वों करते थे नही किसी से डरते थे हरदम साथ हम रहते थे जैसे एक दूजे के लिए ही हम बने थे नही रास आती थी एक पल की भी दूरी लिये हाथों में हाथ करते थेनगरी की फेरी शायद यही बात लोगों को खल गई और हमारी कहानी रह गई अधूरी -Vaishnav
#मार्च का महीना आया देखो मार्च का महीना आया साथ अपने वसंत लाया लाल हरे पीले नीले रंगो का मौसम लाया ना सर्दी ना गर्मी मौसम की होती नरमी होली का रहता इंद्रधनुष शिवरात्री की बहार अपनी मौज मस्ती में लोग रहते अपनी टोली में हर पल रंग सुहावना छा जाता जीवन में -Vaishnav
Love is that friend who always understand our fellings without saying -Vaishnav
#' त्याग ' नारी को गर ' त्याग कीमूरत' कहा जाये तो गलत ना होगा नारी ही ' त्याग ' शब्द कोपरिभाषित करती है माँ , नारी का सबसे सुंदररूप जिसमें वह नये जीवन का धरती पर अवतरण करती है नौ महिने उस जान को अपने पेट में रखकर जब उसकीपहलीकिलकारी सुनती है तो अपने शरीर का संपूर्ण दर्द भूल जाती है जब पहली बार अपने बच्चेको स्तनपान कराती है तब वह नारी से देवी बनजाती है जो अपने दूध से नन्ही जान का पोषण करती है फिर वह उसी बच्चे केलालन - पालन में एसी रच बस जाती है जैसे दूध में पानी खुद बुखार में भी होतबभी बच्चे का पेट भरने केलिए तैयार खड़ी रहती है बच्चे के दर्द मेंखुदभीरोदेतीहै बच्चे के लिए अपने समस्त जीवन का समर्पण कर देतीहै नारी के इसी रूप को ' माँ 'कहते है जो किसी देवी से कम नही एसी देवी को शत - शतनमन -Vaishnav
#त्याग की मूरत नारी हर रूप में त्याग की मूरत है चाहे वह माँ हो , बेटी हो, बहन हो या फिर एक पत्नी नारी हर रूप में सुंदर लगती है ऐसा ही एक सुंदर रुप है बेटी कहते है बेटी के जन्म से परिवार के भाग्य का उदय होता है कभी वह माता की लाडो बनती है तो पिता की परी भाई को उसके प्यार के बंधन से बाँधकर उसके दुख को भी हर लेतीहै यह बेटी ही है जो अपने घर को त्याग कर दूसरे के घर को अपनाती है परिवार की खुशियों के लिए अपने तन - मन का समर्पण करती है और परिवार को उन्नत करती है बेटी एक नही दो घर के भाग्य का उदय करती है इसलिए बेटी एक नही दो घर की इज्जत कहलाती है -Vaishnav
#सुन तो सही मेरी खामोशी को सुन तो सही तुझे प्यार की वही धुन सुनाई देगी जिसके लिए तू भी कभी रमता जोगी था -Vaishnav
#आशाओं भरा सवेरा देखो नया सवेरा आया चमकीली धूप साथ में लाया नई कलियाँ खिलाने को खुशबू नई बिखराने को आशाओं भरा सवेरा आया देखो नया सवेरा आया रोपित बीजों को गतिमान करने जीवन को फिर अग्रसर करने नई आस बिखराने को सपनें नये निर्मित करने देखो नया सवेरा आया देखो नया सवेरा आया -Vaishnav
#किसी का दर्द बाँट लो किसी का दर्द बाँट लो तुम्हारा तो कुछ ना बिगड़ेगा मगर उसके दर्द की पीर कम हो जायेगी उसकी एक मुस्कुराहट तुम्हारे दर्द को भी हर लेगी यही जिंदगी है जो दोगे वही लौट कर आयेगा -Vaishnav
#किसी से दिल लगाना तो किसी से दिल लगाना तो बहुत आसान है मुश्किल है तो निभाना निभाने के लिए किसी को समय ही कम पड़ जाता है तो किसी का समय ही पहेली बन जाता है -Vaishnav
#कुछ न कुछ तो होगा ही कुछ न कुछ तो होगा ही जरूरी तो नही यें तो लोगो की बातें है जो हर बात में निकाल ही लेते है कुछ न कुछ तो होगा ही -Vaishnav
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