आओ सहृदय जननी राष्ट्रभाषा हिन्दी का सम्मान करें

अग्नि सहज हुई अंगना,
सहायक बन गई धूप।

हिम के तीरों भरा गगन,
अद्भुत प्रकृति का रूप।।

-हिंदी जुड़वाँ

मित्रता
.....…......
पूर्व जन्मों के संबंधों के बिना
वर्तमान जीवन में किसी से घनिष्ठ
मित्रता होना असंभव है।
यह एक सच्चाई है जब
आप किसी के साथ मित्रता का अनुभव
करते हैं, तो इसलिए
कि आप उस आत्मा को
पहले से जानते हैं। और
पूर्व जन्मों के आत्मीय संबंधों के
कारण ही आप अपने
मित्र से निकटता का अनुभव करते हैं।

-✍️

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जब तक
आप अपने आप से
आगे नहीं हो
समझो!
तब तक आप
दूसरों से पीछे हो।

-हिन्दी जुड़वाँ

धनुष पुत्र...

🪔🪔🪔🪔🪔
दीपावली प्रज्वलित दीपोत्सव
यशस्वी मान रहे।
सदा श्रीराम की कृपा,
श्री गणेश का स्थान रहे।।
धन धन माँ लक्ष्मी,
माँ शारदा विद्यावान बनाएं।
दीपावली महापर्व की
मंगलमंगल शुभकामनाएं।।

-हिंदी जुड़वाँ

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🪔🪔🪔🪔🪔

दीपावली प्रज्वलित दीपोत्सव
यशस्वी मान रहे।
सदा श्रीराम की कृपा,
श्री गणेश का स्थान रहे।।
धन धन माँ लक्ष्मी,
माँ शारदा विद्यावान बनाएं।
दीपावली महापर्व की
मंगलमंगल शुभकामनाएं।।
-हिंदी जुड़वाँ-

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🪔🪔
जय
श्री
राम
🪔🪔

-हिन्दी जुड़वाँ

नौकरानी (लघुकथा)

मैं जब आठवीं का विद्यार्थी था। हमारे प्रधानाचार्य स्वभाव से बहुत अच्छे आदर्शवादी व्यक्तित्व के धनी थे। मैं उनके दाम्पत्य को बचपन से देखता आया था उनमें संबंध थे परन्तु स्नेह नहीं था । हमेशा अपने पति को बात- बात पर टोकने वाली पत्नी, पति के एक गिलास पानी मांगने पर भी कह देती, मैं तुम्हारी नौकरानी नहीं हूँ...! समय के साथ बहुत कुछ बदल गया। आज बाईस वर्षों बाद उनके बारे में जानकारी मिली, वो हमारे गुरु जी जिन्होंने सेवानिवृति के बाद सारी सम्पत्ति दान कर दी और स्वयं इंदौर के किसी आश्रम में रहतें हैं। जो हमेशा अपने पति की नौकरानी कहने वाली देवी इन दिनों किसी के घर पर नौकरानी बनकर रहते हुए जीवन यापन कर रही है।

(शिक्षा- पारिवारिक मर्यादा का पालन करे)
-हिन्दी जुड़वाँ

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नौकरानी (लघुकथा)
मैं जब आठवीं का विद्यार्थी था। हमारे प्रधानाचार्य स्वभाव से बहुत अच्छे आदर्शवादी व्यक्तित्व के धनी थे। मैं उनके दाम्पत्य को बचपन से देखता आया था उनमें संबंध थे परन्तु स्नेह नहीं था। हमेशा अपने पति को बात- बात पर टोकने वाली पत्नी, पति के एक गिलास पानी मांगने पर भी कह देती , मैं तुम्हारी नौकरानी नहीं हूँ...! समय के साथ बहुत कुछ बदल गया। आज बाईस वर्षों बाद उनके बारे में जानकारी मिली,वो हमारे गुरु जी जिन्होंने सेवानिवृति के बाद सारी सम्पत्ति दान कर दी और स्वयं इंदौर के किसी आश्रम में रहतें हैं। जो हमेशा अपने पति की नौकरानी कहने वाली देवी इन दिनों किसी के घर पर नौकरानी बनकर रहते हुए जीवन यापन कर रही है।

(शिक्षा- पारिवारिक मर्यादा का पालन करे)

-हिन्दी जुड़वाँ

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ओपीजेएस यूनिवर्सिटी चूरू में हिंदी जुड़वाँ की लिखे महाकाव्य "मैं हिंदी हूँ" का सम्मान🙏