SWARNIM स्वर्णिम

SWARNIM स्वर्णिम

@swarnimsahayatri7596

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About You

I love to write.

याद

हवा चल रहि थी
पत्ते हील राहे थे
कभी मै भी
यह पत्ते की तरह थीं
थोड़ा हवा का झोका से भी
हलचल हलचल

अभी बी हवाका झोंका आता है
वैसे ही तरह पत्ते हिलते है
लेकिन नहीं हिलती हुँ मैं
क्यों कि पत्ते नही
अभी वन गई हूं मैं पहाड
जो वस खड़ा रहता है
स्थीर अटल

बर्फ़ की तरह था
यह दिल भी कभी कभी
पिघलता था धीरे धीरे
बढ़ता था जैसे जैसे
ग़म का तापमान
और होता था
सावन की तरह
वारिस आँसू की
लगता था यह आखों नहीं
मैं चलरही हूँ
लेकर गहरी तालाब

लेकिन अब
नहीं दुखता दिल
रोती नहीं आँखे
क्यों की मेरे अंदर अब
कोमल दिल नहीं
वन गया है कठोर
पत्थरो का दिल

पत्थर बन्ने की बाद
यह दिल
यादे भी लगने लगा है
बारूद की तरहा
जिसको मैं
आग से लपेटकर
जला जलाकर
काटती हूँ यह निरमम निरमम रांत

ओ सूनो आप
वैसे ही तरहा
भेजते रहना याद
क्योंकि यादकी बिना
शून्य लगती है यह रांत
जिस तरह लगता है
आपकी बिना मेरी
दुनिया शून्य

© स्वर्णिम

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एकतरफ वाला प्रेम

एकतरफ वाला प्रेम, ओह कितना जलता है,
जो दीपक जलता है लेकिन कुछ नहीं समझता है,
जो वास्तविकता के दबाव से बुझ जाता है,
एक ऐसा प्रेम जो अनुप्राप्त होता है,
उसकी दौड़ है।

दिल तेज़ धड़कता है,
लेकिन वो अकेला है,
मन दौड़ता है,
लेकिन विचार अज्ञात है,
एक गुप्त प्रेम जो अंधेरे में छिपा हुआ है,
एक दर्दनाक प्रेम जो अपना निशान छोड़ता है।

प्रेमी कुछ होने की तमन्ना करता है,
जो एकतरफा होता है, लेकिन इतना स्वतंत्र होता है,
अस्वीकार का भय के बिना स्वतंत्रता से प्रेम करने की, पता नहीं चलता कब कोई जान पा जाता है।

लेकिन अलस, वास्तविकता कठोर होती है, दिल दुखता है, दर्द होता है, चिरस्थायी निशान छोड़ता है, प्रेमी को आगे बढ़ना होता है, नया प्रेम खोजना होता है, और आशा करता है कि कभी न कभी, एकतरफा प्रेम, दोनों तरफ से हो जाएगा, ओह ऊपर से दिया गया उपहार होगा।

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"हमारे बीच जो कुछ भी हुआ उसे एक दुर्घटना समझकर भूल जाओ, हम फिर कभी नहीं मिलेंगे, भले ही हम दुर्घटना से मिलें, हम एक दूसरे को बिल्कुल नहीं जान पाएंगे।" आधी रात को मेरे इनबॉक्स में आए इस मैसेज ने मुझे सोने नहीं दिया। शरीर इतना सुन्न हो गया था मानो मैं अभी-अभी लगभग 2/3 घंटे के लिए ऊपर की ओर चला हूँ। धड़कन इतनी तेज होने लगी कि मैं अपने आप पर काबू नहीं रख सका। रिश्ते में धोखा इतना असहनीय होता है कि मैं अंदर से टूट जाता हूं। इसके बजाय, अगर कोई आपकी पीठ में छुरा घोंपता है, तो आप इसे आसानी से सहन कर सकते हैं, आप जीवित रहेंगे, लेकिन विश्वासघात आपको मरने या जीने की अनुमति नहीं देता है। हृदय की अत्यधिक पीड़ा का अनुभव करने के बाद, मैंने इस पीड़ा से बचने के लिए अपने मन में कई तर्क किए। यदि वह मेरे साथ होता, तो उस रात जहर पीकर अपने जीवित शरीर को मार देता, लेकिन मेरा मन तो पिछले संदेश से ही मारा जा चुका था। मैं तब तक इधर-उधर लड़खड़ाता रहा जब तक कि मैं पायलट पेन को अपने हाथ में पकड़ नहीं पाया। होश नहीं था, मैं आँख बंद करके अपनी कलाई पर पेन की पिन ठोंक रहा था। खून बहने लगा लेकिन दर्द का एहसास नहीं हुआ, शायद चोट शरीर से भी बदतर थी। मैंने उस क्षण अनुभव किया कि यदि दो चोटें एक साथ लगें तो छोटी सी चोट का दर्द महसूस नहीं होगा।

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You asked me
was I fine?

But what would you've done
If I was not?

Things going on inside my head
like a bat out of hell

Which makes me sometimes
an unfeeling swine

But I choose to keep
my mouth shut

Even though I had
a lot to tell

You think
you know me well

But there is so much
inside of me

A lot more I could never tell!
A lot more you could never see!!

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अक्सर नींद पूरी न होने से मन बेचैन हो जाता है

-SWARNIM SAHAYATRI

प्यार

बस कुछ पाने या कुछ पाने के लिए, कम से कम मुझे तुमसे प्यार नहीं हुआ। मैं यह भी स्पष्ट करती हूं कि मुझे नहीं लगता कि तुमको मेरे प्यार के बदले में मुझे प्यार हीं करना पडेगा। तुमसे प्यार यसकारण नहीं करती मैं ताकि तुम्हारा स्पर्श प्राप्त कर सकें या तुम्हारा करीब होकर कोई संतुष्टि या लाभ प्राप्त कर सकें। मैं तुमसे बिना किसी अपेक्षा के प्यार करती हूं।

मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि तुम किसी अौर के हो, यह कहे कि तुम इस सामाजिक परिवेश में एक विवाहित व्यक्ति हो। तुम्हारा अपनी सीमाएँ हैं, जीवन की अपनी लय है जो किसी और से बंधी है। लेकिन मैं तुमसे प्यार किए बिना नहीं रह सकती। जानते हो क्यों?

क्योंकि जो मैं तुम्हें करती हूं वह है प्रेम, कोई भौतिक चीज नहीं है, यह सिर्फ मेरे मन की भावना है, एक ऐसा जुनून जिसे मैं पूरी तरह से मिटा नहीं सकती, मैं दबा नहीं सकती। सामाजिक वातावरण मुझे तुम्हारे साथ संबंध स्थापित करने से रोक सकता है लेकिन मुझे प्यार करने से कभी नहीं रोक सकता। और मैं यह भी अच्छी तरह से जानती हूं कि किसी से प्यार करने की मंजिल संबंध स्थापित करना या शादी करना नहीं है। शादी तो वस इक समझौता है। जीवन भर का समर्थन बनने के लिए समझौता। और सभी समझौता प्यार पर आधारित है यह आवश्यकता कहां है?
या प्रेम सभी परिस्थितियों में कैसे पैदा किया जा सकता है?

कभी-कभी मैं लोगों को यह कहते हुए सुनती हूं, "मैं किसि के साथ प्यार में था लेकिन अब मैं नही हुं", "मैं प्यार में था, लेकिन किसी और से शादी करने के बाद, प्यार खत्म हो गया।" लेकिन मुझे लगता है कि प्यार की कोई सीमा नहीं है, न ही रिश्ते की अवधारणा में कोई प्यार है। जब किसी रिश्ते के विचार के बिना किसी के लिए प्रेम जागृत होता है, तो यह कहना कितना उचित है कि प्रेम समाप्त हो गया क्योंकि किसी के साथ कोई संबंध स्थापित करना सोचकर किसि से प्यार नहीं होता हैं।

या यह कैसे कहा जा सकता है कि जब अपेक्षित चीज नहीं मिलती है तो प्यार खो जाता है? जबकि प्यार करने से प्यार नहीं होता है, यह कुछ ऐसा है जो अनायास विकसित होता है। जैसा कि मुझे तुम्से हुआ है। जब तुम मेरे प्यार के बदले में मुझसे प्यार नहीं करेंगे, तो तुम्हारा लिए मेरा प्यार कैसे खत्म हो सकता है?

मुझे तुमसे मिलने की कोई उम्मीद नहीं है, छोड़ने का कोई डर नहीं है, तुम्हारे साथ यात्रा करने की कोई इच्छा नहीं है, कभी भी तुम्हारी होने की कोई इच्छा नहीं है, मुझे सिर्फ तुम्हारे होने का एहसास है, यह एहसास से हीं मेरा जीवन सुगन्धित है क्योंकि तुम केवल मेरे प्यार हो जब तक यह जीवन रहेगा तब तक तुम्से मेरा प्यार रहेगा।

✍️ Swarnim Sahayatri

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प्यार

बस कुछ पाने या कुछ पाने के लिए, कम से कम मुझे तुमसे प्यार नहीं हुआ। मैं यह भी स्पष्ट करती हूं कि मुझे नहीं लगता कि तुमको मेरे प्यार के बदले में मुझे प्यार हीं करना पडेगा। तुमसे प्यार यसकारण नहीं करती मैं ताकि तुम्हारा स्पर्श प्राप्त कर सकें या तुम्हारा करीब होकर कोई संतुष्टि या लाभ प्राप्त कर सकें। मैं तुमसे बिना किसी अपेक्षा के प्यार करती हूं।

मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि तुम किसी अौर के हो, यह कहे कि तुम इस सामाजिक परिवेश में एक विवाहित व्यक्ति हो। तुम्हारा अपनी सीमाएँ हैं, जीवन की अपनी लय है जो किसी और से बंधी है। लेकिन मैं तुमसे प्यार किए बिना नहीं रह सकती। जानते हो क्यों?

क्योंकि जो मैं तुम्हें करती हूं वह है प्रेम, कोई भौतिक चीज नहीं है, यह सिर्फ मेरे मन की भावना है, एक ऐसा जुनून जिसे मैं पूरी तरह से मिटा नहीं सकती, मैं दबा नहीं सकती। सामाजिक वातावरण मुझे तुम्हारे साथ संबंध स्थापित करने से रोक सकता है लेकिन मुझे प्यार करने से कभी नहीं रोक सकता। और मैं यह भी अच्छी तरह से जानती हूं कि किसी से प्यार करने की मंजिल संबंध स्थापित करना या शादी करना नहीं है। शादी तो वस इक समझौता है। जीवन भर का समर्थन बनने के लिए समझौता। और सभी समझौता प्यार पर आधारित है यह आवश्यकता कहां है?
या प्रेम सभी परिस्थितियों में कैसे पैदा किया जा सकता है?

कभी-कभी मैं लोगों को यह कहते हुए सुनती हूं, "मैं किसि के साथ प्यार में था लेकिन अब मैं नही हुं", "मैं प्यार में था, लेकिन किसी और से शादी करने के बाद, प्यार खत्म हो गया।" लेकिन मुझे लगता है कि प्यार की कोई सीमा नहीं है, न ही रिश्ते की अवधारणा में कोई प्यार है। जब किसी रिश्ते के विचार के बिना किसी के लिए प्रेम जागृत होता है, तो यह कहना कितना उचित है कि प्रेम समाप्त हो गया क्योंकि किसी के साथ कोई संबंध स्थापित करना सोचकर किसि से प्यार नहीं होता हैं।

या यह कैसे कहा जा सकता है कि जब अपेक्षित चीज नहीं मिलती है तो प्यार खो जाता है? जबकि प्यार करने से प्यार नहीं होता है, यह कुछ ऐसा है जो अनायास विकसित होता है। जैसा कि मुझे तुम्से हुआ है। जब तुम मेरे प्यार के बदले में मुझसे प्यार नहीं करेंगे, तो तुम्हारा लिए मेरा प्यार कैसे खत्म हो सकता है?

मुझे तुमसे मिलने की कोई उम्मीद नहीं है, छोड़ने का कोई डर नहीं है, तुम्हारे साथ यात्रा करने की कोई इच्छा नहीं है, कभी भी तुम्हारी होने की कोई इच्छा नहीं है, मुझे सिर्फ तुम्हारे होने का एहसास है, यह एहसास से हीं मेरा जीवन सुगन्धित है क्योंकि तुम केवल मेरे प्यार हो जब तक यह जीवन रहेगा तब तक तुम्से मेरा प्यार रहेगा।

✍️ स्वर्णिम सहयात्री

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म बाँचू एक्लै खोइ कसरी अब कुन रहरमा?
गएपछि तिमी धूवाँ बनेर सगरको सफरमा

मैं चिता पर जलती लाश को देख रहा हूं
मैं एक जीवित व्यक्ति हूं, मुझे हंसना है, लेकिन मैं रो रहा हूं

-SWARNIM SAHAYATRI