ABHAY SINGH Books | Novel | Stories download free pdf

बाबूमोशाय

by ABHAY SINGH
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बाबूमोशाय, जिंदगी लम्बी नहीबड़ी होनी चाहिएये डायलॉग मोहम्मद शाह के काफी बाद आया। उनकी बादशाहत की उपलब्धि तो यही ...

POK - आपकी छाती का काँटा

by ABHAY SINGH
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POK - आपकी छाती का कांटाजिसे पाकिस्तान ने 1947 में कब्जा कर लिया था। जिसे नेहरू हार गए।आज बड़ा ...

द लास्ट बाउंड्री ऑफ़ इंडिया

by ABHAY SINGH
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भारत की आखरी सीमा, पंजाब,और हिमाचल प्रदेश... जब नक्शा देखता हूँ, तो सोचता हूँ,कि कश्मीर विहीन भारत, कैसा शीश ...

विशाल साम्राज्य औऱ 18 घण्टे काम

by ABHAY SINGH
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विशाल साम्राज्य औऱ 18 घण्टे काम.. यह 1944 का जर्मनी था, और उसका मेहनतकश नेता। जून की 6 तारीख ...

आपातकाल

by ABHAY SINGH
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आपातकाल लगा !!! धब्बा है, तानाशाही, लोकतंत्र की हत्या ..◆◆◆कुछ मिथ है, इमरजेंसी के इर्दगिर्द। उन्हें कभी क्वेश्चन नही ...

गाय हमारी माता है

by ABHAY SINGH
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गाय हमारी माता है,गफूर उसको खाता हैगाय खावक आदमी मुख्यमंत्री कैसे रहेगा। हटाओ ससुर.. जेपी की जिंदा कौम, कैसे ...

एक था बर्ड

by ABHAY SINGH
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एक था बर्ड। बर्ड बड़ा था, तो बड़ा वाला बर्डवादी भी था.. आत्मानुभूति से शिक्षाएं लेता था, और देता ...

बजटोत्सव

by ABHAY SINGH
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सदन मे बजटोत्सव है। जनता फाग गा रही है, थालियां, गालियां, बेल आइकन, मंजीरे बज रहे हैं। सुर, यक्ष, ...

सो ही वाज ए टेरेरिस्ट

by ABHAY SINGH
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5 अगस्त 1994, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन। सुबह 4 बजे एक बन्दा, कहीं नही जाने के लिए प्लेटफॉर्म में ...

इस बार गांधी को मरने नहीं देंगे

by ABHAY SINGH
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गांधी को फिर मरने नही देंगे।गांधी भगवान नहीं, अवतार नही, नबी नही, जीसस भी नही है। वो एक मामूली ...