बर्तन गिरने की आवाज़ से शिखा की आँख खुल गयी। घडी देखी तो आठ बज रहे थे , वह ...
एक गुप्तचर का जीवन इतना एकाकी और आत्मकेंद्रित होता है कि उसमें उसके अपने भी नहीं झाँक सकते! मोहनलाल ...