Disha Jain Books | Novel | Stories download free pdf

सेवा-परोपकार

by Disha Jain
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ये मन-वचन-काया दूसरों के सुख के लिए खर्च करें तो खुद को संसार में कभी भी सुख की कमी ...

टेम्पररी सर्टिफिकेट

by Disha Jain
  • 1.7k

ऋषभ को आज नींद नहीं आ रही थी। वह थोडी-थोड़ी देर में इन्स्टाग्राम और ट्वीटर पर अपना प्रोफाइल चेक ...

प्रतिक्रमण

by Disha Jain
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इंसान हर कदम पर कोई ना कोई गलती करता है जिससे दूसरों को बहुत दुःख होता है। जिसे मोक्ष ...

भाव का फल

by Disha Jain
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“मैं सर्वज्ञ तीर्थंकर हूँ। महावीर स्वामी खुद को तीर्थंकर कहते है पर वे एक ढोंगी है!”महावीर भगवान के शिष्य ...

माता-पिता-बच्चो का व्यवहार - 2

by Disha Jain
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माता-पिता का बच्चों के प्रति व्यवहार — (पूर्वार्ध)1. सिंचन, संस्कार के...प्रश्नकर्ता : यहाँ अमरीका में पैसा है, लेकिन संस्कार ...

एक्सपेक्टेशन्स

by Disha Jain
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प्रश्नकर्ता : पूज्यश्री, फेन्ड्स से कैसी और कितनी लिमिट तक एक्सपेक्टेशनस् रखनी चाहिए? पूज्यश्री : जीरो एक्सपेक्टेशन रखनी चाहिए ...

माता-पिता-बच्चो का व्यवहार - 1

by Disha Jain
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संपादकीयकिस जन्म में बच्चे नहीं हुए? माता-पिता के बगैर किसका अस्तित्व संभव है? सभी भगवान माँ के पेट से ...

मैं कौन हूँ ? - 2

by Disha Jain
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यदि यह संसार आपको पुसाता (जंचता) हो तो आगे कुछ भी समझने की जरूरत नहीं है और यदि यह ...

पाप-पुण्य - 2

by Disha Jain
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पाप-पुण्य की न मिले कहीं भी ऐसी परिभाषाप्रश्नकर्ता : पाप और पुण्य, वे भला क्या हैं?दादाश्री : पाप और ...

 मैं कौन हूँ ? - 1

by Disha Jain
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हमारा वास्तविक स्वरुप अनंत सुख का धाम है, फिर भी हम विनाशी चीजों में सुख खोजते हैं! जब तक ...