"सपने देखो, पर खुली आँखों से, और नींद को पीछे छोड़कर। क्योंकि जो नींद में खो जाए, वो सपना ...
सुबह (थोड़ी ताज़गी भरी आवाज़ में):"नमस्ते शाम! मैं फिर से दुनिया को नई उम्मीदों के साथ जगाने आई हूँ।"शाम ...
अध्याय (1) मिट्टी में खेलती गुड़ियामैंने माँ को पहली बार तब नहीं देखा जब मैं पैदा हुई,बल्कि तब, जब ...
एक शाम, जवानी थक कर एक बेंच पर बैठी थी…मोबाइल हाथ में था, नोटिफिकेशन ऑन, लेकिन मन ऑफ।एक अजीब ...