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साथ जिंदगी भर का - भाग 67

by Khushbu Pal
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एकांश और आस्था एक दूसरे की बाहों में सुकून से सुकून नींद भरी सो रहे थे हर रोज की ...

साथ जिंदगी भर का - भाग 66

by Khushbu Pal
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आस्था आंखें बंद करके एकांश की छुअन अपने गले पर और कंधे पर महसूस कर रही थी बेचैनी से ...

साथ जिंदगी भर का - भाग 65

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जरूरत नहीं है जाकर काम कीजिए और हां दूसरी लड़कियों से चिपक चिपक चिपक कर बातें भी कीजिए आस्था ...

साथ जिंदगी भर का - भाग 64

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आस्था तैयार होकर नीचे आ गई थी और अपने आप सारी नजरें उसकी तरफ मुड़ गई थी हर कोई ...

साथ जिंदगी भर का - भाग 63

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आस्था हमारी बात तो सुनिए एकांश आस्था के केबिन में आ चुका था हमें कुछ नहीं सुनना चाहिए जाकर ...

साथ जिंदगी भर का - भाग 62

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लेकिन फिर भी हम हर बार ऐसी गुस्ताखी करना चाहेंगे फिलहाल के लिए इतनी काफी है एकांश ने नशीली ...

साथ जिंदगी भर का - भाग 61

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एकांश के साथ बिताए हसीन लम्हों को याद करते हुए जल्दी-जल्दी फ्रेश हुई अपना हमेशा का रूटीन फॉलो कर ...

साथ जिंदगी भर का - भाग 60

by Khushbu Pal
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फिर से हमारे दूर होने का मजाक मत कीजिएगा वरना आस्था ने उसे धमकी देते हुए कहा और बदले ...

साथ जिंदगी भर का - भाग 59

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एक दूसरे को दूर से ही देख कर दोनों ने अलविदा कहा और अपने अपने रास्ते पर निकल गए ...

साथ जिंदगी भर का - भाग 58

by Khushbu Pal
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आए आई लव यू टू कुंवरजी आस्था ने उसकी आंखों में देखते हुए कहा और जवाब में एकांश ने ...