ललित का मन अंदर ही अंदर सुलग रहा था। उसके विचार बेकाबू होकर अजीब-अजीब शक्लें लेने लगे। ...
ललित को जैसे ही ख्याल आया कि गाड़ी में जो बैग भरे जा रहे हैं, उनकी गिनती कौन कर ...
"कभी-कभी छोटी-छोटी घटनाएँ किसी बड़े तूफान की आहट होती हैं। इंसान समझता है कि वह हालात पर काबू पा ...
पाठकों के लिए एक संदेश "कभी-कभी, जो काम सबसे मामूली लगता है, वही सबसे गहरी साजिशों से घिरा होता ...
रेलवे स्टेशन पर रात का सन्नाटा था। मेरी ट्रेन अभी तक नहीं आई थी, और मैं अकेला प्लेटफॉर्म पर ...