Sonali Rawat Books | Novel | Stories download free pdf

मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 5

by Sonali Rawat
  • 315

रोहिणी आंखें बंद करके सो गई।कुछ देर बाद माँ रोहिणी को जगाने आई, उठ जा बेटा देख तेरा कोई ...

मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 4

by Sonali Rawat
  • 597

वह उस पेड़ के नजदीक गई और उसने देखा वहां पर एक सुंदर युवक हरे रंग की आंखों वाला ...

मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 3

by Sonali Rawat
  • 579

उसने कहानी सुनानी शुरू की-----मेरी यह कहानी हैं एक भेड़िया की जो अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा हैं। ...

मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 2

by Sonali Rawat
  • 786

हम नहीं जानते थे कि वह क्या था? इस समय तक विकास काफी ज्यादा डर चुका था और साथ ...

प्रेम की चाय

by Sonali Rawat
  • 786

डाइनिंग रुम साफ करते करते श्रीमती जी ने एक बार और आवाज लगाई। “चाय मिलेगी?” “बस आया रेणु!” “क्या ...

मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 1

by Sonali Rawat
  • 1.8k

अब मुझे ठीक से तो याद नहीं कि बात कितनी पुरानी हैं, पर जो कुछ हुआ वो एक एक ...

सुनसान रात - 8

by Sonali Rawat
  • 1.2k

हरीश बोलता ही जा रहा था- कितनी मुश्किलों से तुम्हें ढूंढा है तुम्हारा किसी का फोन भी नहीं लग ...

सुनसान रात - 7

by Sonali Rawat
  • 1.5k

कहते हैं की वह खण्डहर हो चुका गांव, कब्रिस्तान और चुड़ैल का साया अभी भी बैंगलोर मैसूर हाईवे पर ...

सुनसान रात - 6

by Sonali Rawat
  • 1.4k

वो थोड़ा और आगे बढ़ी, धीरे धीरे अपने डर को खुद में समेटते हुए, उसने कांपते होंठों से आवाज़ ...

सुनसान रात - 5

by Sonali Rawat
  • 1.2k

हरीश बोला – एक साथ इतने प्रश्न, सबका जवाब देता हूं।जब भी खाना खत्म होता तो उसके परिवार का ...