20 समय का चक्र कल्जीखाल की पहाड़ियों पर धूप पसर आई थी। जसमतिया धूप का आनन्द लेती रही। अक्टूबर ...
19 जीत का सेहरा चौधरी धारा सिंह बेचैनी से कोठी में चहल-कदमी कर रहे थे। उनके चेहरे पर चिंता ...
18 क्या करूं देशभक्ति का ? दफ्तर में पेन्शन बाबू की खिड़की के सामने लम्बी लाइन लगी हुई थी। ...
17 हॉटस्पॉट रात के ग्यारह बजे थे। राधारमन अपने कमरे में सो रहे थे। तभी उनकी पत्नी ने आकर ...
16 झंझाबात शाम का समय था। पार्क में चारों ओर सन्नाटा फैला हुआ था। यह पार्क शहर के बाहर ...
15 सरहद का प्यार रेशमा चिनाव नदी के किनारे बैठी हुई थी। वह एकटक नदी की शांत लहरें चंचल ...
14 प्यार की सरगम सेमीनार समाप्त हो गई थी। मैं आटो में बैठकर स्टेशन के लिए चल दिया। आटो ...
13 सरहद शाम का धुंधलका धीरे-धीरे चारों ओर छाने लगा था। बॉर्डर पर तैनात बी.एस.एफ. के सूबेदार ने सरहद ...
12 नियति का खेल मैं परिवार सहित हरिद्वार गंगा स्नान करने आया था। हरि की पैड़ी पर गंगा स्नान ...
11 वतन की खातिर पूरे गाँव में यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई थी कि गाँव ...