Vijay Erry Books | Novel | Stories download free pdf

अनजाना साया

by Vijay Erry

अनजाना सायालेखक: विजय शर्मा एरी(लगभग १५०० शब्द)गाँव का नाम था कालाकाँकर। पहाड़ियों के बीच बसा वो गाँव सदियों से ...

गुप्त धन

by Vijay Erry
  • 90

गुप्त धनलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००गाँव का नाम था चंदनपुर। पहाड़ों के नीचे बसी यह छोटी-सी बस्ती ...

बेमिसाल यारी

by Vijay Erry
  • 261

बेमिसाल यारीलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००१गाँव का नाम था कल्याणपुर। गंगा किनारे बसा यह गाँव आज भी ...

सपनों की बारिश

by Vijay Erry
  • 362

सपनों की बारिशलेखक: विजय शर्मा एरी(अजय के लिए समर्पित)भाग १: बादलों का आनाअजय की आँखें खुलीं तो कमरे में ...

काल की पुकार

by Vijay Erry
  • 600

काल की पुकारलेखक: विजय शर्मा एरी(शब्द गणना: लगभग १५००)गाँव का नाम था कालपुर। चारों तरफ़ घने जंगल, बीच में ...

प्यारी पिकनिक

by Vijay Erry
  • (0/5)
  • 561

प्यारी पिकनिकलेखक: विजय शर्मा एरीसूरज की पहली किरणें जब हिमालय की चोटियों को छूती हैं, तो पूरा कश्मीर सोने ...

सपना हुआ सच

by Vijay Erry
  • (0/5)
  • 600

सपना हुआ सचलेखक: विजय शर्मा एरीभाग १: गाँव की मिट्टी में बस्ता सपनाराधेश्याम का घर गाँव के आखिरी छोर ...

अनोखी चाय

by Vijay Erry
  • (0/5)
  • 681

अनोखी चायलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००गाँव का नाम था चंदनपुर। पहाड़ों की गोद में बसा यह गाँव ...

पौराणिक सत्य

by Vijay Erry
  • 678

पौराणिक सत्यएक हिंदी कहानीलेखक: विजय शर्मा एरी(शब्द गणना: लगभग १५००)प्रथम अध्याय: गाँव का रहस्यहिमालय की गोद में बसा था ...

सपनों का आशियाना

by Vijay Erry
  • 636

सपनों का मंडपलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: लगभग १५००भाग १ – सपनों की बुनियादअजय की नींद टूटी तो उसने ...