पराभव - भाग 13

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पराभव मधुदीप भाग - तेरह दो दिन पश्चात् ही श्रद्धा बाबू अपनी पत्नी मनोरमा सहित शहर पहुँच गया | जिस समय गाड़ी स्टेशन पर पहुँची, उस समय दोपहर के दो बज रहे थे | श्रद्धा बाबू ने रंजन को अपने शहर आने की सुचना न दी थी, इसलिए उसका घर पर मिलने का प्रश्न ही न था | रंजन के माँ-बाप गाँव में रहते थे और शादी उसने अभी तक की ही नहीं थी | शहर में वह अकेला ही रहता था और श्रद्धा बाबू जानते थे कि इस समय घर पर ताला बन्द होगा, इसलिए वह अपनी पत्नी सहित