झबरी चुड़ैल और रमकलिया

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ग्रामीण परिवेश में रची-बसी एक कथा जो ग्रामीण क्षेत्र में व्याप्त अंधविश्वास को रेखांकित करती है और पाठक को सोचने पर विवश करती है कि किस प्रकार समाज का एक बड़ा हिस्सा अपनी रूढ़िवादी सोच के कारण धूर्तों के शोषण का शिकार बन रहा है.