Such Abhi Zinda Hein (Bhag -1)

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बाहर से पत्रकारिता का पेशा बहुत लुभाता है। लेकिन इसके भीतर की अच्छाइयां-बुराइयां किसी को तब तक नजर नहीं आ सकती हैं, जब तक इसमें पैठकर इसका अध्ययन न किया जाए। वैसे पत्रकारिता की कुछ खूबियां भी हैं, तो कुछ बुराइयां भी। इन्हीं श्वेत-श्याम रंग को उकेरने का एक प्रयास है उपन्यास 'सच अभी जिंदा है।' आप पत्रकारिता जैसे मिशनरी पेशे को समझना चाहते हैं, तो उपन्यास 'सच अभी जिंदा है' जरूर पढ़कर देखिए, निराशा हाथ नहीं लगेगी।