आपने संस्कृत और हिंदी के महान साहित्यकारों द्वारा रची गई नायिका भेद, काव्य का सौंदर्यशास्त्र तो पढ़ा ही होगा। लेकिन आधुनिक युग में प्राचीन काल के साहित्यकारों द्वारा रचा गया काव्य का सौंदर्यशास्त्र पुराना पड़ गया है। अजी..नए जमाने में काव्य का नया सौंदर्यशास्त्र पढि़ए न..आप भी कहां पुराने के फेर में पड़े हुए हैं। लाइका नायिका, कमेंटा नायिका..ये सब आधुनिक युग की नायिकाएं हैं। आपका इनसे रोज पाला पड़ता होगा।