आ क्यू की सच्ची कहानी - 8

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वेइचवाङ को लोग दिन-ब-दिन आश्वस्त होते जा रहे थे। जो खबरें उनके पास पहुँच रही थीं उनके आधार पर वे यह बात समझ चुके थे कि क्रांतिकारियों के शहर में आने से कोई खास परिवर्तन नहीं आया। मजिस्ट्रेट अब भी सबसे बड़ा अफसर था, उसका मात्र पद बदल गया था, प्रांतीय परीक्षा में सफल प्रत्याशी को भी कोई पद - वेइचवाङ गाँव के लोगों के लिए इन पदों के नाम याद रखना संभव नहीं था - किसी तरह का कोई सरकारी पद दे दिया गया था।