गाँव वाला अंग्रेजी स्कूल - खाली डिब्बा

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गाँव वाला अंग्रेजी स्कूल गुल्लकरोहन पूरे साल गुल्लक में पैसे इकट्ठे करता था ताकि नये साल पर अपने मन के toys ले सके। मम्मा–पापा तो बस दीपावली, होली पर ही gift और toys देते हैं। अप्रैल में birthday पर भी बहुत सारे toys मिल जाते हैं। लेकिन New year का क्या? उस पर भाषण सुनने पड़ते हैं कि बात–बात पर खिलौने थोड़े ही दिलाए जाएँगे। ऐसे time पर ही गुल्लक काम आती है। तो आज कैसे तोड़ी जाए। लेकिन न तोड़ी गयी तो रतनवीर कुत्ते को रोहन के पीछे दौड़ा सकता है और रोहन को भागना पड़ेगा। अगर गाँव के टूटे–फूटे