अनन्त यात्रा

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दूर-दूर तक नीला समन्दर फैला हुआ । वातावरण एकदम शान्त और इस नीरवता को चीरती है एक -एक कर आती समन्दर की लहरें । नीलिमा आज कोस्टा बीच पर एकदम अकेली बैठी है । अपने ही ख.यालों में खोई सी । बैठी-बैठी साहिल की ओर आती लहरों को देखती जाती है । एक एक कर लहरें साहिल से लगती, वो समझने की कोशिश कर रही थी कि साहिल से लगने वाली लहर को उसके पीछे वाली लहर धकेल रही है या आगे चलने वाली लहर अपने पीछे लहरों का काफिला लेकर चलती है । वो कुछ भी समझ नहीं पा