नया सवेरा - (सवेरे का सूरज) - 8

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अभिमन्यु बाबू विद्यालय में परीक्षा की तैयारी करने लगे। परीक्षायें निश्चित दिवस से सुचारू रूप से चलने लगी। प्रधान जी के आदमियों ने गड़बड़ी की कोशिश शुरू में की। मगर प्राचाय्र की दृढता तथा पुलिस-प्रशासन की ठोस व्यवस्था से अव्यवस्था नहीं हो पाई। प्रधान जी मनमसोस कर रह गये। इधर वे फिर राजधानी गये थे, लेकिन प्राचार्य या अभिमन्यु बाबू के खिलाफ कुछ खास नहीं कर पाये थे। दूसरी ओर धीरे-धीरे कस्बे के लोगों को अभिमन्यु बाबू की योजनाओं पर विश्वास होता जा रहा था। पर्यावरण, शिक्षा, प्रोढशिक्षा तथा अन्ना द्वारा किये जा रहे सब कार्यो की कस्बे की जनता को अखबारों के जरिये जानकारी मिल रही थी।