खुशी

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“रूपल निहार कहा है?’ घर में आते ही देवांग ने पूछा.“सो गया रोते रोते, आज आप उसे पटाखे लेने ले जाने वाले थे. आपका इंतजार करते करते सो गया. वो तो खाना भी नहीं खानेवाला था. पर बाबुजीने समजाबुजाकर उनके साथ उसे भी खाना खिला दिया.”“अरे हाँ, आज शाम को ऑफिस से निकल ही रहा था की अचानक एक मीटिंग आ गयी सो जाना पड़ा. पर फिर भी मैं कैसे उसे पटाखे न लेने के लिए समजाता? मेरी समजमे तो कुछ नहीं आ रहा है.. तुम तो जानती हो मैं क्यों पटाखे नहीं लाता.” देवान्गाने शू की लेस खोलते जवाब