अच्छाईयां – ३२

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भाग – ३२ काली घनी रात में इन्स्पेक्टर तेजधार अपनी वर्दी का खौफ दिखा रहा था | वो सूरज को डराना चाहता था | सूरज को तेजधार पे गुस्सा आ रहा था मगर वो चुप बैठा था | तेजधारने उस खँडहर के कुछ दूरी पे जीप रोकी और पेशाब करने नीचे गया | सूरज को याद आया की ये वही जगह है जहाँ उसकी बच्चू के आदमी के साथ हाथापाई हुई थी और वो मारा गया था | तेजधारने भी उस बात का अभी कुछ देर पहले ही जिक्र किया था | क्या तेजधार वो सच जानता होगा ?