पल जो यूँ गुज़रे - 4

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इकतीस जुलाई को निर्मल ने कोचग कोर्स बीच में ही छोड़कर वापस चण्डीगढ़ जाना था, बल्कि यह कहना अध्कि उपयुक्त होगा कि निर्मल ने कोर्स के लिये इकतीस जुलाई तक के लिये ही फीस दी हुई थी, क्योंकि इसके पश्चात्‌ एल.एल.बी. तृतीय वर्ष की कक्षाएँ आरम्भ होनी थी। जाह्नवी ने पूरा कोर्स समाप्त होने तक यानी सितम्बर अन्त तक दिल्ली रहना था, क्योंकि वह एम.ए. फाइनल की परीक्षा देकर आई थी।