सैलाब - 10

  • 5.4k
  • 1
  • 2.5k

संयुक्त परिवार में बड़ों की बातें छोटों को बहुत प्रभावित करती है। हर वक्त बच्चों के सामने माधवी के ताने सुनते सुनते बच्चे भी कुछ इस तरह की बातें कह देते जिसे पावनी के दिल पर गहरी चोट पहुँचती थी। अपने अस्तित्व और आत्म सम्मान को बचाए रखना उसके लिए दुर्भर हो गया था। कभी माधवी का हुक्म तो कभी राम की आवाज़ फिर कभी बच्चों की आवाज़ कान में गूंज उठती थी।