सैलाब - 21

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दूसरे दिन उन्होंने सूर्योदय से पहले उठ कर आँगन में भोगी जलाई। यह आंध्र प्रदेश का एक विशेष पर्व है। इस पर्व को तीन दिन तक मनाया जाता है। घर के आँगन में रंग बिरंगी रंगोली बना कर बीच में गोबर(गाय के गोबर) के छोटे छोटे गोले बना कर रखते हैं। उस गोबर के गोले को फूल पत्तियों से सजाकर गांव की कन्याएँ 'गोब्बीळ आम्मा गोब्बीळू' कहते हुए रंगोली के चारों तरफ नृत्य करती हैं। झूला झूल कर अपनी खुशियों को जाहिर करती हैं।