कब सहर होगी

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वह पूरे राज्य में नौकरी देने वाले भर्ती दफ्तर में लगा एक अदना-सा वर्कचार्ज कर्मचारी है । पहले तो वह वर्कचार्ज की हैसियत से ही लगा था । मगर पिछले पांच-छः वर्षों से कंगाल सरकार ने उसे ठेकेदारी प्रथा का एक बंधुआ मज़दूर-सा बना दिया है । उसे इस दफ्तर में करीब तेरह साल होने को आये ना जाने कितने आई.ए.एस. और आई.पी.एस. का सेवक बनकर रहा । उनके बंगलों पर झाडू़-पोंछे से लेकर बर्तन-कपड़े धोने तक का काम उसने किया, मगर उसकी हैसियत वर्कचार्ज कर्मचारी से अब ठेकेदार के मज़दूर में और तब्दील हो गई ।