आखर चौरासी - 30

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अगली सुबह लगभग आठ बजे का समय रहा होगा, जब महादेव गुरनाम के कमरे पर पहुँचा। उसे हॉस्टल में गुरनाम का कमरा ढूंढने में कोई परेशानी नहीं हुई थी। सतनाम ने उसे घर से चलते वक्त गुरनाम का नया कमरा नम्बर बताने के साथ-साथ कॉलेज के ठीक पीछे स्थित हॉस्टल के ‘किंग्स ब्लॉक’ का भूगोल भी अच्छी तरह से समझा दिया था। कई बार खटखटाने और आवाज़ें देने के बाद भी जब गुरनाम के कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो वह चिन्तित हो गया। तभी बगल वाले कमरे का दरवाजा खोल कर एक लड़का बाहर आया। उसकी आँखों पर चढ़ी एनक और चेहरे के गम्भीर भाव बतला रहे थे कि वह पढ़ते-पढ़ते उठा है।